कुत्ते के काटने पर अस्पताल पहुंची बच्ची, डॉक्टर बोली इंजेक्शन नहीं
कुत्तों के काटने से सात वर्षीय बच्चे मनीष की मौत हो गई। इसके एक दिन बाद सिविल अस्पताल नाभा के डॉक्टर ने साढ़े 3 साल की बच्ची को इंजेक्शन बाहर से मंगवा कर लगाया।
जेएनएन, नाभा पटियाला
कुत्तों के काटने से सात वर्षीय बच्चे मनीष की मौत हो गई। इसके एक दिन बाद सिविल अस्पताल नाभा के डॉक्टर ने साढ़े 3 साल की बच्ची को इंजेक्शन बाहर से मंगवा कर लगाया। रविवार शाम करीब साढ़े 5 बजे बिट्टू ¨सगला निवासी पुराना हाथीखाना रोड अपनी साढ़े 3 साल की बच्ची प्राची को कुत्ते के काटने पर इलाज के लिए सिविल अस्पताल लेकर गए थे। ड्यूटी पर मौजूद डॉ. लोकेश कुमार ने एंटी रेबिज इंजेक्शन अस्पताल में आउट ऑफ स्टॉक होने की बात कह इंजेक्शन बाहर से लाने को कहा। बिट्टू ने बताया कि बाजार से भी उसे इंजेक्शन नही मिले। डॉक्टर ने सोमवार को अस्पताल के कमरा नंबर 9 से लगाने को कहा।
बेहद गंभीर मामला है खुद करुंगा जांच
सिविल सर्जन डॉ. हरीश मल्होत्रा ने कहा कि पटियाला के स्टॉक में अभी 400 इंजेक्शन पड़े हैं और नाभा के सिविल अस्पताल में भी इंजेक्शन हैं अगर वहां स्टॉक खत्म हो गया है तो सिविल सर्जन ऑफिस से इंजेक्शन मंगवाए जा सकते थे। डॉ. मल्होत्रा ने कहा कि बेहद गंभीर मामला है वे खुद इस की जांच करेंगे कि ड्यूटी पर तैनात डाक्टर ने इंजेक्शन खत्म होने की बात क्यों की। जिक्रयोग है कि गत दिन गांव मैहस में आवारा कुत्तों ने 7 साल के मनीश को बुरी तरह से काट खाया। जिसकी गत रात चंडीगढ़ में मौत हो गई।
कुत्तों का बढ़ रहा आतंक नहीं है कोई विकल्प
जागरण टीम, पटियाला, नाभा. राजपुरा
नाभा के मैहस गांव में आवारा कुत्तों के बुरी तरह काटने से 7 वर्षीय बालक मनीश की मौत हो गई। घटना शनिवार दोपहर की है जब मनीश शौच के लिए गया तो खूंखार कुत्तों ने उस पर हमला कर दिया। गांव मैहस के ईट भट्ठे पर काम करने वाले प्रवासी मजदूर राम बाबू के बेटे मनीश जख्मी हालत में पटियाला के सरकारी रा¨जदरा अस्पताल लाया गया। बच्चे की बिगड़ती हालत कारण उसे चंडीगढ़ पीजीआई में रैफर कर दिया जहां रात उसकी मौत हो गई। नाभा के गांव में हुआ ये हादसा दिल दहला देने वाला है। इसी के साथ आवारा कुत्तों का बढ़ता आतंक और इस समस्या का हल न होने कारण मुद्दा गंभीर होता जा रहा है।
कुत्तों के काटने पर सरकारी अस्पतालों में एंटी रेबिज इंजेक्शनों की कमी और सुस्त उपचार पद्धति पर भी सवाल खड़े होते हैं । जानकारी के मुताबिक पंजाब में रोजाना एवरेज 300 केस डॉग बाइट्स के आ रहे हैं। पटियाला में एक साल के दौरान 2 सौ से अधिक मामले और राजपुरा में एक साल दौरान सौ केस कुत्तों के काटने के हैं। इसी तरह नाभा और समाना में भी बढ़ी संख्या में कुत्तों ने लोगों को काटा है। नगर निगम पटियाला तो समय-समय पर आवारा कुत्तों का स्ट्रलाइजेशन करती रहती है , सब तहसील में इस तरह के प्रयास कम ही होते हैं। वैक्शीनेशन के अलावा कोई दूसरा विकल्प जिला प्रशासन, नगर निगम या नगर कौंसिल की ओर से नजर नहीं आ रहा।
नाभा नगर कौंसिल के प्रधान रजनीश मित्तल शैंटी का कहना है कि कौंसिल की ओर से पहले कुत्तों को पकड़ने के लिए व्यवस्थाए की जाती थी परंतु केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के दखल देने के बाद सब कुछ बंद हो गया। पटियाला नगर निगम के मेयर संजीव बिट्टू ने कहा कि आवारा कुत्तों को लेकर विकल्प तैयार किया जा रहा है। कुत्तों की वजह से कोई बड़ी समस्या न आए इस लिए पहले भी आवारा कुत्तों की वैक्शीनेशन की जाती है। सीएम सिटी होने कारण इस समस्या पर अब अधिक ध्यान है। फिर भी काम तो कानून के दायरे में रह कर करना होगा।
आवारा कुत्तों के काटने से लोग परेशान
राजपुरा के मात्र सिविल अस्पताल में एंटी रेबिज के इंजेक्शन में कमी के चलते आवारा कुत्तों के काटने से लोग परेशान हैं। एक और जहां आवारा कुत्तों के काटने की घटनाएं बढ़ रही हैं जबकि अस्पताल में रेबिज के इंजेक्शन की कमी पाई जा रही है इसी वर्ष कुत्तों ने करीब एक सौ लोगों को काट खाया है। मरीजों को अस्पताल से यह इंजेक्शन निशुल्क मिलता है जबकि बाहर से उन्हें 400 रूपये का इंजेक्शन खरीदने को मजबूर होना पड़ता हैं। सिविल अस्पताल में तैनात डॉ. नरेश बांसल का कहना है कि कुते के काटने पर मरीज को एंटी रेबिज इंजेक्शन लगवाना जरूरी है किसी भी मरीज के लिए यह कोर्स पूरा करना जरूरी है। एसएमओ रणजीत ¨सह का कहना है कि नवंबर 2017 से जनवरी 2018 तक रेबिज के इंजेक्शन की कमी थी लेकिन अब रैगुलर मरीजों को लगाए जा रहे हैं। कई बार दिक्कत होने पर मरीज बाहर से इंजेक्शन ले आते हैं कुत्ता काटे तो क्या करे?
डाक्टरों के मुताबिक अगर कोई कुत्ता काटता है तो सबसे पहले उस जगह को साबून वाले पानी से धोकर साफ करना चाहिए इससे कीटाणु खत्म हो जाते हैं कुते के काटने के बाद कम से कम एक इंजेक्शन अवश्य लगवाना चाहिए। इंजेक्शन का कोर्स पूरा करना चाहिए क्योंकि मालूम नहीं होता कुत्ते की वैक्शीनेशन की गई है कि नहीं। हड्डा रोड़ी के कुत्ते ही करते हैं घातक हमला
डॉग लवर और वंदे मातरम दल के प्रधान गुरमुख भलवान कहते है कि अकसर वो कुत्ते ही घातक हमला करते है जो हड्डा रोड़ी के आसपास रहते है और भटक कर दूसरी जगह चले जाते है। उनके मुंह खून लग चुका होता है और भूखे होने कारण वे इंसान और दूसरे पशुओं पर भी हमला कर देते हैं।
कोट्स
एंटी रेबिज इंजेक्शन की जिले में कमी नहीं है। इस समय भी स्टॉक में 400 इंजेक्शन पड़े हैं। यदि सब डिवीजन के किसी सिविल अस्पताल में इंजेक्शन का स्टॉक खत्म होता है तो तुरंत पटियाला से मंगवाया जा सकता है।
डॉ. हरीश मल्हौत्रा, सिविल सर्जन