थैलीसीमिया पीड़ित बच्चों के दिव्यांग सर्टिफिकेट बनाए
विश्व थैलीसीमिया दिवस पर सिविल सर्जन दफ्तर में थैलीसीमिया पीड़ित बच्चों को दिव्यांग सर्टिफिकेट बनाकर दिए गए।
जेएनएन, पटियाला
विश्व थैलीसीमिया दिवस पर सिविल सर्जन दफ्तर में थैलीसीमिया पीड़ित बच्चों को दिव्यांग सर्टिफिकेट बनाकर दिए गए। सिविल सर्जन डॉ. मनजीत सिंह ने बताया कि पीडब्ल्यूडी एक्ट 2016 के तहत अब थैलीसीमिया से प्रभावित मरीज को डिसेबिलिटी के अधीन लाया गया है। इससे ग्रस्त बच्चों को राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अधीन मुफ्त रक्त चढ़ाने के साथ साथ सारा इलाज मुफ्त किया जाता है। उन्होंने बताया कि थैलीसीमिया पीडि़त बच्चों को मुफ्त बस सफर की भी सुविधा दी गई है।
उन्होंने कहा कि यदि हम विवाह से पहले जन्म कुंडलियां मिलाने की जगह अपनी रक्त की रिपोर्टो को मिलाएं ताकि थैलीसीमिक बीमारी से बचा जा सके। थैलीसीमिया या गंभीर बीमारियों का पता गर्भ के पहले 3 महीनों के दौरान लग जाता है। इसलिए गर्भवती महिला को गर्भ में पल रहे बच्चो के जरुरी टैस्ट करवा कर बच्चों की असली स्थिति के बारे अवगत करवाया जा सकता है। इस मौके पर सहायक सिविल सर्जन डॉ. शैली जेतली ने कहा कि थैलीसीमिया एक जन्मजात बीमारी है इसके साथ नवजात बच्चों में रक्त बनाने की प्रक्रिया बहुत कम होती है, जिस कारण बच्चे को हर 10 या 15 दिनों बाद रक्त चढ़ाने की जरूरत पड़ती है। ये रोग बच्चों को अपने माता-पिता से पीढ़ी दर पीढ़ी होने वाला रोग है। जागरूकता की कमी के कारण ही इस बीमारी के मरीजों की संख्या में लगातार विस्तार हो रहा है। उन्होंने कहा कि जिले के 126 मरीज थैलीसीमिया सोसायटी राजिदरा अस्पताल के पास रजिस्टर्ड हैं। इस मौके पर डॉ. कुशलदीप, जिला मास मीडिया अफसर कृष्ण कुमार डिप्टी मास मीडिया अफसर भाग सिंह, जसजीत कौर, कुलवीर कौर, •िाला बीसीसी फैसीलीटेटर अमरजीत सिंह आदि मौजूद रहे।
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