200 करोड़ की घोषणा को लेकर यूनिवर्सिटी प्रशासन व कर्मचारी असमंजस में
राज्य सरकार द्वारा बजट में पंजाबी यूनिवर्सिटी के लिए 200 करोड़ की ग्रांट को लेकर यूनिवर्सिटी कर्मचारियों में असमंजस का माहौल बना हुआ है।
जागरण संवाददाता, पटियाला : राज्य सरकार द्वारा बजट में पंजाबी यूनिवर्सिटी के लिए 200 करोड़ की ग्रांट को लेकर यूनिवर्सिटी कर्मचारियों में असमंजस का माहौल बना हुआ है। कर्मचारी कहते हैं कि यह स्पष्ट ही नहीं किया गया कि सरकार ने यह ग्रांट अलग से जारी करनी है या फिर यूनिवर्सिटी को मिलने वाली ग्रांट के साथ जोड़ा जाएगा। यूनिवर्सिटी प्रशासन में भी इस बारे सस्पेंस बरकार है।
सरकार द्वारा यूनिवर्सिटी को हर महीने सैलरी के लिए 9 करोड़ यानि साल भर में 108 करोड़ रुपये देने होते हैं, जबकि यूनिवर्सिटी का हर महीने सैलरी व पेंशन का बजट 30 करोड़ है। पिछले समय में यूनिवर्सिटी की वित्तीय कमेटी की हुई मीटिग में यूनिवर्सिटी को 207 करोड़ रुपये के घाटे में दिखाया गया है। यूनिवर्सिटी पर करीब 150 करोड़ का कर्ज है।
जारी की ग्रांट के बारे में सरकार से पूछेंगे कि किस तरह होगी जारी
पंजाबी यूनिवर्सिटी अध्यापक संघ के महासचिव सुखजिदर सिंह बुट्टर ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने यूनिवर्सिटी को जो 200 करोड़ की ग्रांट का ऐलान किया है, उसके बारे में क्लियर नहीं हो रहा। जिसके चलते संघ द्वारा सरकार को पत्र भेजकर पता लगाया जाएगा कि यह ग्रांट अलग से जारी की जा रही है या फिर पिछली ग्रांट से जोड़ा जा रहा है। ---अगर 200 करोड़ अलग से यूनिवर्सिटी को मिला तो फायदा, नहीं तो नुकसान
पंजाबी यूनिवर्सिटी कर्मचारी संघ नान टीचिग के पूर्व महासचिव मनोज भांबरी ने कहा कि अगर सरकार ने पंजाबी यूनिवर्सिटी को 200 करोड़ की अलग से ग्रांट जारी करती है तो यूनिवर्सिटी का इससे लोन भी उतर जाएगा व अन्य फायदा होगा। अगर नहीं तो यूनिवर्सिटी को नुकसान ही है, क्योंकि सरकार द्वारा पिछले तीन महीने में चालीस करोड़ रुपये यूनिवर्सिटी को जारी किए गए थे, अगर वह चालीस करोड़ इस जारी की ग्रांट का हिस्सा हैं तो यूनिवर्सिटी चाली करोड़ तो पहले ही खर्च कर चुकी है। सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि यह ग्रांट किस प्रकार से यूनिवर्सिटी को जारी की जाएगी।