टैक्स की भरपाई के लिए एजेंट द्वारा दिया चेक हुआ बाउंस, कार्रवाई करने के लिए तैयार अधिकारी
अगर आपका चेक किसी सरकारी खाते में लगा है ओर वह चेक बाउंस हो चुका है तो आपको इस मामले में दो साल की सजा या फिर चेक में भरी कीमत जितना जुर्माना भी हो सकता है।
जागरण संवाददाता:पटियाला
अगर आपका चेक किसी सरकारी खाते में लगा है ओर वह चेक बाउंस हो चुका है तो आपको इस मामले में दो साल की सजा या फिर चेक में भरी कीमत जितना जुर्माना भी हो सकता है। यही नहीं आप पर केस भी दर्ज भी हो सकता है। ऐसा ही एक मामला यहां आरटीए दफ्तर का सामने आया है। टैक्स की भरवपाई करने के लिए एक एजेंट द्वारा दफ्तरी अधिकारियेां को चेक दिया गया। जब अधिकारियों ने उस चेक को सरकारी खाते में लगाया तो चेक बाउंस हो गया। अब दफ्तरी अधिकारी चेक देने वाले एजेंट के खिलाफ कार्रवाई करने का मन बना रहे हैं।
--क्या है मामला
जानकारी अनुसार पिछले समय में आरटीए दफ्तर द्वारा एक ट्रक की आरसी ट्रांसफर की गई थी। पर इस आरसी को ट्रांसफर की फीस नहीं भरी गई। इस मामले में दो एजेंटों व दफ्तरी कर्मचारियों की मिलीभगत सामने आई। जिसके बाद सेक्शन अफसर ने दोनों एजेंट को मौके पर बुलाकर मामले पर बातचीत की। हालांकि इस दौरान एजेंटों में काफी कहासुनी भी हुई। पर बाद में यह समझौता हुआ कि दोनों एजेंट इस मामले को मिलकर निपटाएंगे। दोनों एजेंट में से एक जेंट ने 42 हजार रूपए का चेक दे दिया गया। जब दफ्तरी अधिकारियों द्वारा चेक सरकारी खाते में लगाया गया, के बाद चेक बाउंस होने की सूचना अधिकारियों को मिली। अब दफ्तरी अधिकारियों द्वारा संबंधित एजेंट पर इस मामले को लेकर कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है। ---दोनों एजेंट को टैक्स की भरपाई करने के लिए कहा गया था। जिसके चलते एक एजेंट ने 42 हजार रूपए का चेक दिया। जब चेक को सरकारी खाते में लगाया तो चेक बाउंस हो गया। यह एक बड़ा क्राइम है। एजेंट को इस तरह की हरकत नहीं करनी चाहिए थी। इस मामले को लेकर आरटीए गुरप्रीत ¨सह ¨थद से बातचीत कर संबंधित एजेंट पर नियमा अनुसार कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है।---राकेश गर्ग, सेक्शन अफसर ---सरकारी खाते में अगर किसी व्यक्ति का चेक लगाया जाता है, ओर वह चेक बाउंस हो जाता है तो संबंधित व्यक्ति को नियम अनुसार दो साल की सजा भी हो सकती है। वहीं दूसरी ओर जितनी अमाउंट चेक पर भरी गई है, जितना ही व्यक्ति को जुर्माना लगाने का प्रवाधान है। दफ्तर इस मामले में क्या कार्रवाई करता है, वह दफ्तर की जिम्मेदारी बनती है।---मनप्रीत ¨सह एडवोकेट