फीस नहीं दी तो पेपर देने से रोका, रोष में बच्चों के अभिभावकों ने की नारेबाजी
विद्यार्थियों को परीक्षा में नहीं बैठने देने के रोष में विद्यार्थियों के अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।
जागरण संवाददाता, पटियाला : राजपुरा कालोनी स्थित वीर हकीकत राय स्कूल में फीस नहीं देने के चलते 50 के करीब विद्यार्थियों को परीक्षा में नहीं बैठने देने के रोष में विद्यार्थियों के अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। विद्यार्थियों के मां बाप ने कहा कि पहले ही महामारी के कारण वह आर्थिक रूप से परेशान हैं और अब स्कूल प्रबंधकों द्वारा परीक्षा देने आए विद्यार्थियों से फीसों की वसूली के लिए परीक्षा में नहीं बैठने दिया जा रहा है। जिस कारण बच्चों की पढ़ाई का पूरा साल खराब हो सकता है। उधर, स्कूल प्रबंधकों ने इन आरोपों को नकारते हुए केवल ट्यूशन फीस की मांग करने की बात कही है।
संबोधित करते हुए विद्यार्थियों के माता पिता वीना रानी, अरुण कुमार, मोहनी, चरणजीत चौहान, काजल, रिदम, प्रतीक कुमार, अमित रानी, बजरंग बहादुर, राज पाल ने बताया कि कोरोना के दौरान लाकडाउन के कारण पहले ही उनके कामकाज ठप होने से आर्थिक रूप से तंगी झेल रहे हैं। ऐसे समय में पेरेंट्स पर स्कूल प्रबंधक फीस देने का दबाव बना रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि वीरवार को स्कूल ने परीक्षाओं का समय निश्चित किया था। जैसे ही उनके बच्चे परीक्षा देने स्कूल पहुंचे तो उनको फीस नहीं भरने पर क्लास से निकाल बाहर निकाल दिया गया और फीस जमा करवाने पर ही पेपर में बैठने देने की बात कही गई। उन्होंने आरोप लगाया कि स्कूल प्रबंधक विद्यार्थियों के मां बाप से फीसें देने का दबाव बना रहे हैं। उन्होंने मांग की कि अभिभावकों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए स्कूल प्रबंधकों को फीस की किस्तें बनानी चाहिए ताकि अभिभावकों पर वित्तीय बोझ न पड़े।
इस संबंध में स्कूल की प्रिंसिपल सरला भारद्वाज ने कहा कि अभिभावकों की तरफ से स्कूल प्रबंधकों पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना काल के दौरान स्कूल ने विद्यार्थियों की दाखिला फीस भी माफ कर दी थी। स्कूल बाकी के निजी स्कूलों के मुकाबले काफी कम फीस ले रहा है। किसी भी विद्यार्थी को फीस नहीं देने के कारण क्लास में बैठने से रोका नहीं गया, बल्कि प्रबंधक अभिभावकों से पूरा सहयोग कर रहा है।