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शराब फैक्ट्री के खिलाफ पंचायतों ने दिया धरना

करीब तीन दशक पहले जाखल रोड़ पर शहर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर लगाई गई चीनी मिल को बंद करके प्रबंधकों की तरफ से बनाई शराब फैक्टरी की तरफ से फैलाए जा रहे प्रदूषण के विरुद्ध इलाके की दर्जन से अधिक पंचायतों ने मोर्चा खोल दिया है फैक्ट्री में से निकलती बदबू के कारण दुखी आस पास के गांवों की पंचायतों ने प्रस्ताव पास करके संघर्ष का ऐलान करते फैक्टरी को तुरंत बंद करने की मांग की है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Feb 2019 01:30 AM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2019 01:30 AM (IST)
शराब फैक्ट्री के खिलाफ पंचायतों ने दिया धरना
शराब फैक्ट्री के खिलाफ पंचायतों ने दिया धरना

जेएनएन, पातड़ां, पटियाला : जाखल रोड़ पर शहर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर करीब तीस वर्ष पूर्व चीनी मिल को बंद कर दिया गया था। प्रबंधकों की तरफ से इसकी जगह पर शराब फैक्ट्री खोली गई थी। लेकिन इससे अब पूरे इलाके में प्रदूषण फैल रहा है। इसके विरुद्ध सोमवार को कई गांवों की पंचायतों ने मोर्चा खोल दिया है। फैक्ट्री में से निकलती बदबू के कारण दुखी आस पास के गांवों की पंचायतों ने प्रस्ताव पास करके संघर्ष का एलान किया। फैक्ट्री के साथ लगते गांव हरिआऊ खुर्द के सरपंच गुलाब ¨सह के नेतृत्व में इकट्ठे हुई पंचायतों के प्रतिनिधि सरपंच हरिआऊ जट्टां के सरपंच जज्जबीर ¨सह, खानेवाल के सरपंच शाम लाल, चरनजीत कौर सरपंच सेलवाला कमलदीप ¨सह सरपंच दियोगढ़ कर्मजीत कौर सरपंच पूर्व सरपंच मंगत ¨सह आदि ने बताया कि गांव हरिआऊ खुर्द दियोगढ़ और हामझेड़ी की डेढ़ सौ एकड़ के पंचायती जमीन में चीनी मिल लगाई गई थी। परंतु दो तीन साल के बाद ही इसको निजी हाथों में बेच दिया गया। इसके बाद प्रबंधकों ने चीनी मिल बंद करके शराब फैक्ट्री लगा दी गई परंतु कुछ समय बाद फैक्टरी भी बंद कर दी गई। उन्होंने बताया कि प्रबंधक अब यूपी और हरियाणा की चीनी मीलों से सीरा लाकर यहां शराब बना रहे है। उन्होंने आरोप लगाया कि फैक्ट्री के पानी की किसी तरफ कोई निकासी नहीं है। फैक्ट्री में से निकला अतिरिक्त सीरा खाली पड़ी जमीन में गिरा कर बदबू फैलाई जा रही है। इसके कारण इलाके में मक्खियां और मच्छरों की भरमार है। खुले में गिराए गए इस सीरे की शिकायत प्रदूषण कंट्रोल विभाग को मिलने बाद में आईं टीमों ने भी लीपापोती कर मामले को समाप्त कर दिया। प्रबंधकों की तरफ से इसको जमीन में मिला दिया गया। जिसके सबूत अब भी मौजूद हैं। उन्होंने बताया कि आस पास के गांवों हामझेड़ी, हरिआऊ खुर्द, हरिआऊ कलां समेत आसपास के गांवों में कैंसर और काले पीलिया के मरीजों की संख्या काफी है और अब तक कई मरीज मौत को गले लगा चुके हैं। चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने इस तरफ कोई ध्यान न दिया तो आने वाले दिनों में इलाके की पंचायतों, क्लबों और गांवों के लोगों को साथ लेकर बड़ा संघर्ष शुरु किया जाएगा। इस मौके नंबरदार बलकार ¨सह, दर्शन ¨सह, गुरनाम ¨सह, जनमेजा ¨सह पंच एवं अन्य मौजूद रहे।

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