पंचायती जमीन उद्योगों को देने पर आप का विरोध
पटियाला पंजाब विलेज कामन लैंड नियम 1964 में संशोधन कर पंचायती जमीन उद्योग विभाग को देने पर आप ने सोमवार को मिनी सचिवालय के बाहर रोष प्रदर्शन किया।
जागरण संवाददाता, पटियाला : पंजाब विलेज कामन लैंड नियम 1964 में संशोधन कर पंचायती जमीन उद्योग विभाग को देने पर आप ने सोमवार को मिनी सचिवालय के बाहर रोष प्रदर्शन किया। फैसले का विरोध करते हुए आप नेताओं ने पंजाब सरकार का पुतला फूंका और संशोधन को रद करने की मांग की। आप नेताओं ने कहा कि सरकार कानून में संशोधन कर पंचायती जमीन बेचना चाहती है, जमीन न होने से कई गरीब परिवार प्रभावित होंगे। प्रदर्शनकारियों ने विरोध के बाद डीसी के नाम मांग पत्र दिया।
आप नेताओं ने कहा कि पंजाब में हर साल करीबन 1 लाख 35 हजार एकड़ पंचायती जमीन खेती के लिए ठेके पर दी जाती है। गरीब लोग जमीन ठेके पर लेकर जहां परिवार पाल रहे हैं, वहीं ठेके से पंचायतों को भी आय होती है। पार्टी के एससी विग के आब्जर्वर गुरदेव सिंह मान ने आरोप लगाया कि पंचायती जमीन उद्योग विभाग, लघु उद्योग और निर्यात निगम (पीएसआईईसी) के नाम करने का रास्ता तैयार हो चुका है। जिसके बाद पंचायतें अपनी जमीन पीएसआईईसी को बेचने के लिए प्रस्ताव रखेंगी और सरकार की मंजूरी के बाद जमीन आगे बेच दी जाएगी और पीएसआईईसी पंचायतों को पूरे पैसे नहीं देगी। मान ने कहा कि सरकार की नीयत और नीति पर सवाल खड़ा हो रहा है। सरकार ग्रामीण उद्योगों को प्रोत्साहित करना चाहती है या फिर आर्थिक इमरजेंसी से निपटने के लिए जमीन बेची जा रही है।
जरनैल सिंह मनु, तेजिदर मेहता ने कहा कि कांग्रेस सरकार चुनावों से पहले हर घर नौकरी का वादा किया था। अब इसके विपरीत पंचायती जमीन को हथियाकर ठेके की जमीन पर खेती करने वालों को बेरोजगार करने जा रही है। पंचायती जमीन 25 प्रतिशत के रेट पर लेकर इसे ऊंचे दामों पर कारपोरेट घरानों को बेची जाएगी। इस अवसर पर गगनदीप चड्ढा, चेतन सिंह जोड़ेमाजरा, प्रीति मल्होत्रा, कुंदन गोगिया बलकार सिंह, अशोक कुमार इत्यादि उपस्थित थे।