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दर्जा चार कर्मचारियों ने गेहूं कर्ज न मिलने पर जताया रोष

पंजाब सरकार के दर्जा चार कर्मचारियों को हर साल गेहूं का कर्ज दिया जाता था परंतु इस साल सरकार ने कर्ज देने से इंकार करने की बात की जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 May 2020 12:26 AM (IST)Updated: Fri, 29 May 2020 07:40 AM (IST)
दर्जा चार कर्मचारियों ने गेहूं कर्ज न मिलने पर जताया रोष
दर्जा चार कर्मचारियों ने गेहूं कर्ज न मिलने पर जताया रोष

जागरण संवाददाता, पटियाला : पंजाब सरकार के दर्जा चार कर्मचारियों को हर साल गेहूं का कर्ज दिया जाता था, परंतु इस साल सरकार ने कर्ज देने से इंकार करने की बात की जा रही है। जबकि यूनियन ने मार्च के पहले हफ्ते में पत्र भेज कर चौथा दर्जा मुलाजिमों को 15 हजार रुपये गेहूं कर्ज देने की मांग की थी। यह गेहूं कर्ज भी कोरोना महामारी की भेंट चढ़ गया है। यह बात यूनियन नेता सज्जन सिंह ने कहीं।

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यूनियन के प्रमुख नेताओं दर्शन सिंह लुबाना, रणजीत सिंह राणवा और बलजिदर सिंह ने बताया कि पंजाब सरकार ने कोरोना महामारी की आड़ में दैनिक मजदूरों, कर्मचारी के साथ बेइंसाफी की है। उनके लिए लेबर कमिश्नर पंजाब की तरफ से पहली मार्च को कम से कम बढ़ोतरी 9178.56 रुपये महीना और दिहाड़ी 353.52 रुपये बीती नौ मार्च को वापस ले ली थी। जोकि अब केवल 8776.83 रुपये मिलेंगे। इस अवसर पर दीप चंद हंस, जगमोहन नौलक्खा, राम लाल रामा, सूरज यादव, करनैल चंद, राम किशन, राकेश शर्मा, मलकीत सिंह, संदीप बाली, गुरदर्शन सिंह, केसर सिंह सैनी, काका सिंह, बूटा सिंह, राम योद्धा, रजिन्दर कुमार, मुकेश, अमरजीत धालीवाल, बलबीर सिंह, प्रीतम चंद, प्रकाश सिंह लुबाना, कुलविन्दर सिंह और तरलोचन माड़ू आदि उपस्थित थे।


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