मल्टीपर्पज हेल्थ वर्करों ने सरकार का विरोध कर मनाया नया साल
मल्टीपर्पज हेल्थ वर्कर यूनियन के सदस्यों का सेहत विभाग में उनकी भर्ती की मांग को लेकर पक्का धरना चौथे दिन भी जारी रहा।
जागरण संवाददाता, पटियाला : बेरोजगार मल्टीपर्पज हेल्थ वर्कर यूनियन के सदस्यों का सेहत विभाग में उनकी भर्ती की मांग को लेकर पक्का धरना चौथे दिन भी जारी रहा। आज भी वर्करों ने पंजाब सरकार व सेहत मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
उन्होंने कहा कि पूर्व सेहत मंत्री ब्रह्म महिदरा सहित मौजूदा सेहत मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू के पास अपनी मांग रखी, लेकिन उनकी मांग को अभी तक पूरा नहीं किया है। वह उक्त हेल्थ वर्कर के पद के लिए पढ़ाई कर चुके हैं और मौजूदा समय में बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं।
सेहत मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने उनको दिसंबर के पहले सप्ताह में कहा था कि 31 दिसंबर से पहले उनके लिए भर्ती का रास्ता खोल देंगे, लेकिन उनकी राह आसान करने के बजाय और भी मुश्किल कर दी है जिसके कारण उनको पक्का धरना फिर लगाना पड़ा है।
बेरोजगार मल्टीपर्पस हेल्थ वर्कर यूनियन ने कहा है कि आज जब लोग एक दूसरे को नए साल की बधाईयां भेज रहे हैं लेकिन वे पंजाब सरकार के खिलाफ नारे लगाकर अपना रोष जाहिर कर रहे हैं। इस अवसर पर मक्खन मानसा, तरसेम सिंह मानसा, राजा, मनप्रीत झज्जल, जसपाल घुम्मन, गुरप्यार मानसा, कुलविदर सिंह, गुरप्यार सिंह, बलजिन्दर रोपड़, रूपिंदर शर्मा, जसपाल सिंह, मक्खन सिंह रला, तरसेम सिद्धू, दविन्दर राणा, अमृत पाल मानसा और सुखविदर सिंह ढिल्लवा, कुलविन्दर सिंह मौजूद रहे।
भाजपा बेरोजगारों के समर्थन में उतरी
आज उनको समर्थन देने के लिए भाजपा नेता अजय गोयल पहुंचे और कहा कि वे उनकी आवाज भाजपा के प्रदेश प्रधान के पास लेकर जाएंगे। गोयल ने कहा कि बहुत ही शर्मनाक बात है कैप्टन सरकार नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। कांग्रेस पार्टी ने चुनाव के दौरान जनता के साथ वादा किया था कि घर-घर नौकरी दी जाएगी। ऑटो पर गली-गली बेचता हूं साबुन : अमृतपाल
मानसा से यूनियन के सदस्य अमृतपाल सिंह ने बताया कि उसक परिवार की आर्थिक हालत बहुत खराब है। पिता दिहाड़ी करते हैं और एक बहन है जिसका विवाह करने का जिम्मा उसके सिर पर है। वह परिवार का खर्चा चलाने के लिए ऑटो पर गली-गली जाकर साबुन बेचता है। माता पिता-बीमार, मैं बेरोजगार : गुरप्यार मानसा जिले के यूनियन सदस्य गुरप्यार सिंह ने कहा कि उसके माता-पिता बीमार चल रहे हैं और वो खुद बेरोजगार है। माता-पिता की बीमारियों पर काफी खर्च हो रहा है लेकिन उसके पास रोजगार नहीं है। परिवार की वित्तीय हालत भी काफी खराब है। इसलिए वह रोजगार की मांग को लेकर धरने पर हैं।