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अध्यापक की मार्निग काल से होगी विद्यार्थियों के दिन की शुरुआत

अब सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों की नींद अलार्म या किसी के जगाने से नहीं बल्कि अपने अध्यापक की मानिग काल से खुलेगी।

By JagranEdited By: Published: Sat, 27 Feb 2021 04:33 AM (IST)Updated: Sat, 27 Feb 2021 04:33 AM (IST)
अध्यापक की मार्निग काल से होगी  विद्यार्थियों के दिन की शुरुआत
अध्यापक की मार्निग काल से होगी विद्यार्थियों के दिन की शुरुआत

गौरव सूद, पटियाला

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अब सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों की नींद अलार्म या किसी के जगाने से नहीं बल्कि अपने अध्यापक की मानिग काल से खुलेगी। शिक्षा सचिव ने फाइनल परीक्षा में बेहतर नंबर हासिल करने के मद्देनजर विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के मकसद से अध्यापकों को नई जिम्मेवारी सौंपी है। जिसके तहत अब सरकारी स्कूलों के अध्यापक अपने विद्यार्थियों को सुबह-सुबह फोन करके रोजाना जल्दी उठाएंगे और उन्हें प्रोत्साहित करके पढ़ने के लिए कहेंगे। फिलहाल यह फैसला केवल अपर प्रामइरी क्लासों के लिए ही लिया गया गया है।

शिक्षा विभाग अक्सर अपने फैसलों के कारण चर्चा में बना रहता है। इस बार भी विभाग के इस फैसले की खूब चर्चा हो रही है। अब शिक्षा विभाग के अध्यापकों को रोजाना सुबह फोन करके अपने विद्यार्थियों को जल्द उठाने का बीड़ा उठाया है, इसके लिए बकायदा अध्यापकों के लिए विभिन्न क्लासों वाला आनलाइन प्रोफार्मा भी जारी किया गया है। इसमें जिस विद्यार्थी को फोन किया गया है उसका नाम, विद्यार्थी की क्लास, विद्यार्थी का फोन नंबर, फोन करने का समय आदि कालम शामिल हैं। सीनियर अधिकारी रखेंगे नजर

शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को भी इस संबंधी नजर रखने को कहा गया है। जिले के सीनियर अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि अध्यापक अपना काम सही तरीके से कर रहे हैं या नहीं। शिक्षा विभाग का तर्क है कि अध्यापकों द्वारा विद्यार्थियों को सुबह फोन करके उठाने के साथ विद्यार्थियों को पढ़ने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा। जिससे विद्यार्थियों में नई ऊर्जा का संचार होगा और वह अपने फाइनल एग्जाम की तैयारी अच्छी तरीके से करेंगे। शुक्रवार को सभी जिलों के साथ वर्चुअल मीटिग की

शिक्षा सचिव ने शुक्रवार को सभी जिलों के अध्यापकों के साथ वर्चुअल मीटिग करके भी इस मुद्दे पर खुद चर्चा की और अधिकारियों को इस संबंधी जरूरी आदेश भी दिए। चर्चा के दौरान शिक्षा सचिव ने विद्यार्थियों को सुबह उठकर पढ़ने के लिए कितने अध्यापकों व स्कूल मुखियों ने मार्निग काल करने, विद्यार्थियों के साथ शाम को पढ़ने के लिए उत्साहित करने और प्री बोर्ड में प्राप्त नंबरों के मद्देनजर फाइनल में और बेहतर पर्फोमेंस संबंधी प्रयास पर भी चर्चा की। शिक्षा विभाग को ऐसे अजीबो गरीब तजुर्बे बंद करने चाहिए : विक्रमदेव

डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट के प्रांतीय प्रधान विक्रम देव सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि शिक्षा विभाग को ऐसे अजीबोगरीब तजुर्बे बंद करने चाहिए। अध्यापक को ऐसे काम में लगाने के बजाय सारा ध्यान क्लास शिक्षा की तरफ फोकस करने की छूट देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मोबाइल संदेशों ने अध्यापकों और विद्यार्थियों को गुलाम बनाकर रख दिया है। अब जब स्कूल खुल चुके हैं तो फोन काल के बजाय विद्यार्थियों से क्लास में फेस-टू-फेस बातचीत करके उन्हें पढ़ाई के लिए उत्साहित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग के फैसले अध्यापकों को मानसिक तौर पर बीमार बना रहे हैं और वह ऐसे काम की निदा करते हैं।


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