Patiala News: जेल से छूटते ही केंद्र पर गरजे नवजोत सिंह सिद्धू, कहा- क्रांति का नाम है राहुल गांधी
Navjot Singh Sidhu पटियाला जेल से शनिवार को बाहर आने के तुरंत बाद कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने केंद्र पर निशाना साधा है। वहीं दूसरी ओर सिद्धू ने कहा कि क्रांति का नाम राहुल गांधी है। उन्होंने कहा कि बहस और असहमति इस लोकतंत्र का सार है
पटियाला, पीटीआई: पटियाला सेंट्रल जेल से शनिवार को बाहर आने के तुरंत बाद कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने केंद्र पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि देश में लोकतंत्र जंजीरों में जकड़ा हुआ है और संस्थाएं गुलाम हो गई हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि पंजाब में राष्ट्रपति शासन लगाने की साजिश रची जा रही है। सिद्धू ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को "अखबरी मुख्यमंत्री" बताया और कानून व्यवस्था और कर्ज के मुद्दों पर उनकी सरकार की आलोचना की।
रोड रेज मामले में काट रहे थे सजा
1988 के रोड रेज मौत के मामले में करीब 10 महीने जेल में बिताने वाले सिद्धू शनिवार को रिहा हो गए। पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को मई 2022 में 65 वर्षीय गुरनाम सिंह की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद जेल भेज दिया गया था।
जेल में अच्छे आचरण के कारण पहले किया सिद्धू को रिहा
उनके वकील ने पहले कहा था कि जेल में उनके अच्छे आचरण के कारण सिद्धू को पहले रिहा किया जा रहा है। सिद्धू ने सुबह से जेल के बाहर इंतजार कर रहे पत्रकारों से कहा कि देश में जब भी तानाशाही आई, क्रांति आई और आज मैं कहता हूं कि क्रांति का नाम राहुल गांधी है। उन्होंने कहा कि बहस और असहमति इस लोकतंत्र का सार है, लेकिन विपक्ष की आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है।
लोकतंत्र जंजीरों में जकड़ा हुआ है- सिद्धू
कांग्रेस दमन के खिलाफ लड़ रही है। आज लोकतंत्र जंजीरों में जकड़ा हुआ है, लोकतंत्र जैसा कुछ नहीं है। उन्होंने दावा किया कि पंजाब में राष्ट्रपति शासन लगाने की साजिश रची जा रही है। पंजाब इस देश की ढाल है, इस ढाल को तोड़ने की कोशिश की जा रही है। पंजाब में राष्ट्रपति शासन लगाने की साजिश चल रही है।
पंजाब में अल्पसंख्यकों का है शासन
सिद्धू ने देश में अल्पसंख्यक समुदाय सिखों का स्पष्ट संदर्भ देते हुए कहा कि पंजाब में अल्पसंख्यकों का शासन है। जहां भी अल्पसंख्यक बहुसंख्यक होते हैं, केंद्र इसके खिलाफ साजिश रचता है। उन्होंने आरोप लगाया कि पहले कानून व्यवस्था की समस्या पैदा की जाती है। उसके बाद इसे नियंत्रित करने की कोशिश की जाती है और फिर वे कहते हैं कि हम शांति लाए हैं। अगर आप पंजाब को कमजोर करते हैं तो आप खुद कमजोर हो जाएंगे। पंजाब को कमजोर करके कोई सरकार मजबूत नहीं बन सकती।
5:53 बजे जेल से बाहर आए थे सिद्धू
सिद्धू जब जेल से बाहर आए तो उन्होंने आसमानी रंग की जैकेट पहन रखी थी। उम्मीदें थीं कि उन्हें दोपहर तक रिहा कर दिया जाएगा लेकिन वह शाम 5:53 बजे जेल से बाहर आए। 59 वर्षीय के समर्थक उनकी रिहाई पर उनका भव्य स्वागत करने के लिए जेल के बाहर सुबह से ही जमा थे और उन्हें 'नवजोत सिद्धू जिंदाबाद' के नारे लगाते सुना जा सकता था।
अमृतसर के सांसद गुरजीत औजला, पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख शमशेर सिंह दुल्लो, मोहिंदर सिंह केपी और लाल सिंह, पूर्व विधायक नवतेज सिंह चीमा, अश्विनी सेखरी, सुखविंदर सिंह डैनी और कार्यकर्ता सहित कई कांग्रेस नेताओं ने सिद्धू का गर्मजोशी से स्वागत किया।