दूध क्रांति से प्रेरित होकर जागर सिंह ने किया कमाल, महंगी भैंसों से मुनाफा कमाया
खेड़ा जट्टां गांव के जागर सिंह ने दूध का धंधा अपना कर जहां खेती के सहायक धंधों की मिशाल पेश की वहीं दो भैंसों से आज बीस भैंस से दूध का मुनाफा कमा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, पटियाला : पटियाला जिले में रोजाना 16 लाख लीटर दुध का उत्पादन हो रहा है। आबादी के हिसाब से प्रति व्यक्ति महज 11 ग्राम दूध हिस्से आता है। वेरका के महाप्रबंधक गुरमेल सिंह ने कहा कि 16 लाख लीटर का पचास फीसदी दूध पीने के लिए इस्तेमाल होता है। बाकी आठ लाख लीटर का पचास फीसदी हिस्सा अन आग्रेनाइज्ड सेक्टर को जा रहा है। इसमें मिठाई विक्रेता और डेयरी प्रोडक्ट बनाने वाले शामिल है। शेष तीस फीसदी आग्रेनाइज सेक्टर को जाता है। आग्रेनाइज्ड सेक्टर में वेरका शामिल है। दूध से देशी घी बनाते हुए वेरका के बेहतर परिणाम सामने आए।
वहीं खेड़ा जट्टां गांव के जागर सिंह ने दूध का धंधा अपना कर जहां खेती के सहायक धंधों की मिशाल पेश की वहीं दो भैंसों से आज बीस भैंस से दूध का मुनाफा कमा रहे हैं। जागर सिंह पड़ोसी राज्य हरियाणा से महंगे दामों भैंस खरीद कर अपना व्यवसाय चला रहे हैं। जागर सिंह के मुताबिक अच्छी देखभाल और फीड के बाद उनकी भैंसे दो टाइम में पचीस से तीस किलो देती है। दोनों टाइम औसतन छह सौ किलो दूध में से वे चार सौ किलो दूध मिल्क सेंटर तक पहुंचा रहे हैं। बाकी का दूध घरों को और अपने लिए इस्तेमाल करते हैं।
दूध के काम को वे और बढ़ाना चाहते हैं। डेयरी डिपार्टमेंट और पशु पालन विभाग की ओर से खेती के सहायक धंधों का प्रशिक्षण और बाद में बैंक कर्ज की सुविधा तो है लेकिन पशु के बीमार होकर मरने कारण घाटे से बैंक डरते है और कर्ज के लिए औपचारिकताएं अधिक कर देते हैं। जागर सिंह ने कहा कि उन्होने पहले दो भैंस ली और उनका दूध घरों तक पहुंचाया अब अधिक भैंसों कारण उनको पीछे मुडकर देखने की जरूरत नहीं पड़ी। इस काम के लिए उनको बैंक कर्ज की भी जरूरत नहीं पड़ी।