मिड-डे मील कुक वर्करों को साल में मिलेंगी 10 सीएल
लंबे समय से संघर्ष करती आ रही मिड-डे-मील कुक वर्करों को आखिरकार 10 सीएल छुट्टियां मिल गई हैं। इस संबंधी विभाग की तरफ से पत्र जारी कर दिया गया है। जारी पत्र में कहा गया है कि इन वर्करों को एक महीने 3 सीएल मिल सकेंगी वहीं स्कूल मुखी के पास छुट्टी ना मंजूर करने का पूरा अधिकार होगा क्योंकि छुट्टी कोई अधिकार नहीं केवल जरूरत पड़ने पर ही दी जाएगी। इसके साथ ही ये भी क्लियर किया गया है कि छुट्टी पर होने की सूरत में स्कूल में मिड-डे-मील प्रभावित नहीं होना चाहीए। वहीं यूनियन ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। वहीं यूनियन द्वारा वर्करों के लिए बीमा पॉलिसी की मांग भी की गई क्योंकि अकसर काम करते समय कुक वर्कर हादसों का शिकार हो जाती हैं और इसके बदले उन्हें कोई मुआवजा नहीं मिलता।
जागरण संवाददाता, पटियाला
लंबे समय से संघर्ष करती आ रही मिड-डे मील कुक वर्करों को आखिरकार 10 केजुअल लीव (सीएल) मिल गई हैं। इस संदर्भ में डीपीआइ ऐलीमेंट्री सुखजीत पाल सिंह ने पत्र जारी किया है। इसमें कहा गया है कि इन वर्करों को एक माह में तीन सीएल मिल सकेंगी। वहीं स्कूल मुखी के पास छुट्टी नामंजूर करने का पूरा अधिकार होगा, क्योंकि छुट्टी कोई अधिकार नहीं केवल जरूरत पड़ने पर ही दी जाएगी। इसके साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि छुट्टी पर होने की सूरत में स्कूल में मिड-डे मील प्रभावित नहीं होना चाहिए। वहीं यूनियन ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है।
इसके अतिरिक्त यूनियन द्वारा वर्करों के लिए बीमा पॉलिसी की मांग भी की गई है, क्योंकि अक्सर काम करते समय कुक वर्कर हादसों का शिकार हो जाती हैं और इसके बदले उन्हें कोई मुआवजा नहीं मिलता।
इस बारे में मिड-डे मील वर्कर और दफ्तरी मुलाजिम यूनियन के प्रदेश प्रधान लखविंदर कौर व महासचिव प्रवीन शर्मा ने बताया कि विभाग की तरफ से उनकी मांग को मानते हुए जो पत्र जारी किया गया है संगठन उसका आंशिक स्वागत करता है। उनका कहना है कि सरकार द्वारा सिर्फ 10 सीएल ही सेंक्शन की गई हैं, जबकि किसी भी हालत में सरकारी विभागों में काम कर रही दो महिला कर्मचारियों को अलग नहीं किया जा सकता। एक तरफ बाकी महिला मुलाजिमों को 20 सीएल, 10 मेडिकल और 180 प्रसूता छुट्टियां भी दी जाती हैं। इसलिए इन वर्करों को भी मेडिकल और प्रसूता छुट्टी दी जानी बनती है।
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सीएम ने मीटिग में मांगें न मानी, तो करेंगे प्रदर्शन
यूनियन नेताओं ने कहा है कि संगठन को मिड-डे मील वर्करों की मांगों के बारे में मुख्यमंत्री की तरफ से 28 फरवरी को बुलाया गया है, जिसमें संगठन वर्करों के लिए कम से कम वेतन अनुसार बनती वेतन की मांग रखेंगे। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर मीटिग में कोई सार्थक हल न निकला, तो प्रदेश में बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा और इसकी जिम्मेवारी पंजाब सरकार की होगी।