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विकास कार्यो को झटका, निकाय विभाग ने निगम से वापस मांगे 13.38 करोड़ रुपये

राज्य सरकार ने शाही शहर के विकास कार्यों को तगड़ा झटका दे दिया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 24 May 2022 11:59 PM (IST)Updated: Tue, 24 May 2022 11:59 PM (IST)
विकास कार्यो को झटका, निकाय विभाग  ने निगम से वापस मांगे 13.38 करोड़ रुपये
विकास कार्यो को झटका, निकाय विभाग ने निगम से वापस मांगे 13.38 करोड़ रुपये

जागरण संवाददाता, पटियाला : राज्य सरकार ने शाही शहर के विकास कार्यों को तगड़ा झटका दे दिया है। शहर के विभिन्न विकास कार्यों के लिए जारी हुए 13.38 करोड़ रुपये स्थानीय निकाय विभाग ने नगर निगम से वापस मंगवा लिए हैं। ऐसे में मौजूदा समय में शहर के कई विकास के प्रोजेक्ट अधर में लटक गए हैं।

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वहीं, दूसरी ओर विरोधी राजनीतिक पार्टियों में विकास कार्यों के लिए जारी हुए फंड को वापस करवाने के मामले को लेकर रोष जताया जा रहा है। राजनीतिक पार्टियों का कहना है कि सरकार के इस फैसले का असर शहर के विभिन्न विकास के प्राजेक्टों पर पड़ेगा। इस मामले को लेकर सांसद परनीत कौर और उनकी बेटी बीबा जयइंदर कौर बुधवार को मुख्यमंत्री के नाम पर मांग पत्र डिप्टी कमिश्नर पटियाला साक्षी साहनी को देंगी।

जानकारी के अनुसार पिछले दिनों नगर निगम में हुई जरनल हाउस की मीटिग में विभिन्न विकास कार्यों के प्रोजेक्टों को पूरा करने पर मुहर लगाई गई थी। इन 13.38 करोड़ रुपयों में से करीब 50 फीसद फंड तो अधूरी पड़ी सड़कों पर खर्च किए जाने थे। इसके अलावा पार्क, इंटरलाकिग टाइलें लगाने के अलावा विभिन्न कार्यों के लिए बाकी फंड का प्रयोग किया जाना था। यह फंड पूर्व कैप्टन सरकार के दौरान नगर निगम को जारी हुआ था, पर यह फंड वापस क्यों मंगवाया जा रहा है, उसके बारे में स्थानीय निकाय विभाग कोई जानकारी नहीं दे रहा। चार अलग-अलग फेज में होना था विकास कार्य

जानकारी अनुसार 13.38 करोड़ रुपये से चार अलग-अलग फेज में शहर के विभिन्न वार्डों में काम होने थे। पहले फेज में वार्ड नंबर 1, 27, 52, 53, 54, 55, 56, 57, 58, 59 व 60 नंबर वार्ड में 407.76 करोड़ रुपये के काम होने थे। इसी तरह दूसरे फेज में वार्ड नंबर 33, 34, 35, 36, 37, 38, 39, 40, 41, 42, 47, 48, 49 में 401.28 करोड़ रुपये के विकास कार्य होने थे। तीसरे फेज में वार्ड नंबर 31, 32, 43, 44, 45, 46, 50 व 51 में 424.5 करोड़ के विकास कार्य किए जाने थे। इसी तरह फेज चार में वार्ड नंबर 1, 27, 52, 53, 54, 55, 56, 57 के आवा वार्ड नंबर 30 में इंटरलाकिग टाइल, सड़क, वाटर व सीवरेज पाइपलाइन, पार्क के अलावा विभिन्न कार्यों पर इस बजट से पैसे खर्च किए जाने थे। ग्रांट वापस होने से ये काम अधर में लटके

छोटी-बड़ी नदी पर साइकिल ट्रैक बनाने के लिए : 40 लाख रुपये

वार्ड नंबर एक में गलियों के अधूरे पड़े काम पर : 34.26 लाख रुपये

वार्ड नंबर 27 में स्थित ओल्ड बिशन नगर की सड़क : 20 लाख रुपये

राज माता कांप्लेक्स में पार्क का पेंडिग पड़ा काम : 12 लाख रुपये

छोटी बारादरी में पार्किंग बनाने का काम : 30 लाख रुपये

फतेह, अजीत व मानशाहिया कालोनी के लिए : 45 लाख रुपये

सेवक कालोनी, हीरा नगर : 45 लाख रुपये

वार्ड नंबर 57 की जय जवान कालोनी में पेंडिग पड़ी सड़क : 35 लाख रुपये

माडल टाउन डिस्पेंसरी के सामने पार्किंग बनाने का काम : 15 लाख रुपये

राघोमाजरा स्थित दो नंबर डिविजन के नजदीक स्थित पार्क के विकास के लिए : 8.5 लाख रुपये

मजीठिया एनक्लेव के विकास के लिए : 2.5 लाख रुपये

दारू कुटिया रोड बनाने के लिए : 20.98 लाख रुपये

वार्ड नंबर 40 में इंटरलाकिग टाइलें लगाने के लिए : 15 लाख रुपये

यह ग्रांट शहर के विभिन्न विकास कार्यों को पूरा करने को जारी हुई थी। अब स्थानीय निकाय विभाग द्वारा ग्रांट को खर्च करने पर रोक लगाने से विकास कार्य रुक जाएंगे। मैं सांसद परनीत कौर के साथ बुधवार को सीएम के नाम एक मांगपत्र डीसी को दूंगा। मांगपत्र में बताया जाएगा कि इस ग्रांट से शहर के विभिन्न विकास कार्यों को पूरा किया जाना है। अगर ग्रांट पर लगाई गई रोक नहीं हटाई गई तो विकास कार्य अधर में लटक जाएंगे, जिससे शहर के लोगों को परेशानी होगी।

संजीव शर्मा बिट्टूं, मेयर


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