कचरे का समाधान न वाले कॉमर्शियल संस्थानों को अंतिम चेतावनी
पटियाला कचरा पैदा कर उसका समाधान न करने वाले कमर्शियल संस्थानों को अब भारी जुर्माना देना होगा। इससे पहले सभी संस्थानों को कचरे का समाधान करने को कहा गया था। इस बारे में निगम कमिश्नर ने संबंधित कॉमर्शियल संस्थानों के संचालकों के साथ बैठक की।
जागरण संवाददाता, पटियाला
कचरा पैदा कर उसका समाधान न करने वाले कॉमर्शियल संस्थानों को अब भारी जुर्माना देना होगा। इससे पहले सभी संस्थानों को कचरे का समाधान करने को कहा गया था। शहर में अधिक कचरा पैदा करने वाले व्यावसायिक संस्थानों के मालिकों को अंतिम चेतावनी देते हुए निगम कमिश्नर पूनमदीप कौर ने होटल, रेस्टोरेंट, मैरिज पैलेस, बेकरी, निजी और सरकारी शिक्षा संस्थान आदि के मालिकों के साथ बैठक की।
निगम कमिश्नर ने कहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए अब निगम के पास बेहद कम समय बचा है। निगम नहीं चाहता है कि बहुत ज्यादा कचरा पैदा करने वालों के कारण उसकी राष्ट्रीय स्तर पर रेंकिग बीते साल की तुलना में कम हो। सालेड वेस्ट मैनेजमेंट रूल 2016 के अनुसार डीसी कुमार अमित ने ज्यादा कचरा पैदा करने वालों को इसके निस्तारण के लिए 31 अगस्त, 2019 तक का समय दिया था। इसके बावजूद निगम ने अधिक कचरा पैदा करने वालों को दो माह से अधिक का समय दिया। अब निगम अधिक कचरा पैदा करने वालों द्वारा कचरे का सही निस्तारण न करने पर किसी प्रकार की राहत देने के पक्ष में नहीं है और तय नियमों की अनदेखी करने वालों को भारी भरकम जुर्माना भरने के लिए तैयार रहना होगा।
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गीले कचरे से खाद और सूखे को करें स्टोर
निगम कमिश्नर पूनमदीप कौर ने कहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण में पटियाला की रैंकिंग में सुधार लाने के लिए मेयर संजीव शर्मा बिट्टू लगातार कार्य कर रहे हैं। शहर में स्मार्ट बिन के साथ-साथ कंपेक्टर मशीनों से कचरे की उचित संभाल की जा रही है। साथ ही शहर के विभिन्न इलाकों में कंपोस्ट पिट्स तैयार की जा रही हैं। रोजाना बड़ी मात्रा में कचरा पैदा करने वाले व्यवसायी संस्थानों के लिए जरूरी है कि वे अपने गीले कचरे से खाद तैयार करने का इंतजाम करें और सूखे कचरे को स्टोर कर उसे रि-साइक्लिंग के लिए कबाड़ में बेच कर अपनी आय बढ़ा सकते हैं।
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सोमवार से निगम की टीमें करेंगी जांच
होटल, रेस्टोरेंट, बेकरी, मैरिज पैलेस, सरकारी और निजी संस्थान, स्कूल, कॉलेज, पीजी और सभी धार्मिक संस्थानों में रोजाना पैदा हो रहे कचरे की संभाल की जांच निगम की विभिन्न टीमों द्वारा औचक निरीक्षण के तहत सोमवार से शुरू कर दिया जाएगा। निगम कमिश्नर पूनमदीप कौर के अनुसार हरेक संस्थान में हरा और नीला कूड़ादान स्थापित करना बेहद जरूरी होगा। हरे कूड़ादान में गीला और नीले कूड़ादान में सूखा कचरा गिराया जाएगा। गीले और सूखे कचरे का निस्तारण संस्थान परिसर में ही करना जरूरी होगा। सूखे कचरे के लिए संस्थान में स्टोर बनाना भी अनिवार्य होगा। किसी भी संस्थान का कचरा किसी भी रूप में सड़क तक नहीं आने दिया जाएगा। कंपोस्ट पिट या कंपोस्ट मशीन को संस्थान में स्थापित करना जरूरी होगा। जो कोई संस्थान कचरे का निस्तारण अपने स्तर पर करने में असफल होगा, उसे निगम बीते दो साल का जुर्माना लगाएगा, जो लाखों में होगा।
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कई चरणों में बांटे गए है कूड़ा पैदा कर रहे संस्थान
पहले चरण में ऐसे 48 बड़े संस्थान हैं जो रोजाना सौ किलो से अधिक कूड़ा पैदा कर रहे हैं। इनमें बड़े होटल, अस्पताल व मैरिज पैलेस इत्यादि शामिल है। दूसरे चरण में 50 किलो से अधिक कूड़ा पैदा करने वाले 50 संस्थान हैं। तीसरे नंबर की सूची में 250 संस्थान हैं, जो 10 किलो से अधिक रोज कूड़ा बना रहे हैं। ऐसे ही चौथी सूची में 400 संस्थान शामिल हैं, जो 5 से 10 किलो कूड़ा गिरा रहे हैं।