पढ़ाई के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण का संदेश, नन्ही हथेलियां उगाएंगी सब्जियां
शिक्षा विभाग ने पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए किचन गार्डन की शुरुआत की है। इसमें पैदा की जाने वाली सब्जियों का उपयोग मिड डे मील में किया जाएगा।
जगराओं [बिंदु उप्पल]। पंजाब सरकार ने बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए एक योजना की शुरुआत की है। इसके तहत बच्चों को बचपन से ही पर्यावरण संरक्षण और पौष्टिक भोजन के बारे में बताया जाएगा। दरअसल, शिक्षा विभाग ने पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए किचन गार्डन की शुरुआत की है। इसमें पैदा की जाने वाली सब्जियों का उपयोग मिड डे मील में किया जाएगा। इसमें विद्यार्थियों को पोषक तत्व मिलेंगे ही, साथ ही उनमें पर्यांवरण संरक्षण के प्रति जागरुकता पैदा होगी। यही नहीं, भविष्य में बच्चों को इससे स्वरोजगार भी मिलेगा। यह कहना है डीपीआइ एलीमेंट्री इंद्रजीत सिंह का। उन्होंने बताया कि किचन गार्डनिंग से बच्चों में शुरू से गार्डनिंग के शौक पैदा होंगे और उनमें डिगनिटी ऑफ लेबर की भावना आएगी।
जिन स्कूलों में मिलता है मिड डे मील, वहीं बनेंगे
जिला मिड डे मील की इंचार्ज डिंपल ने बताया कि शिक्षा विभाग द्वारा उन सरकारी स्कूलों में किचन गार्डन बनाए जाएंगे, जहां पर मिड डे मील मिलता है। किचन गार्डन बनाना हर स्कूल के लिए बाध्य नहीं है। जिन स्कूलों के पास खुला मैदान, पानी की पूरी व्यवस्था है, वहां पर कम से कम 10 बाय 10 फुट का किचन गार्डन बनाया जाएगा। इस संबंध जिले के 18 ब्लॉकों से जानकारी एकत्रित कर एडीसी डी शेना अग्रवाल को रिपोर्ट भेज दी गई है। उन्होंने बताया कि अब स्कूल स्तर पर काम शुरू करवाया जाएगा।
किचन गार्डन में उगाई जाएंगी हर प्रकार की सब्जियां
किचन गार्डन में हर प्रकार की सब्जियां हरी मिर्च, बैंगन, खीरा, टमाटर, मूली, गाजर, भिंडी, पेठा, धनिया, तोरियां, शिमला मिर्च, मेथी, पालक की बिजाई की जाएगी। स्कूल टीचर व बच्चे मिलकर बिजाई करेंगे व पानी दिया करेंगे। इससे बच्चों को खेतीबाड़ी विषय के प्रति गंभीरता के बारे में जानकारी एकत्रित करने में आसान होगी। किचन गार्डन में तैयार सब्जियों का मिड डे मील खाना बनाने में प्रयोग किया जाएगा। इससे स्कूलों का मिड डे मील संबंधी खर्च कम होगा। इसके अलावा स्कूल में हरियाली लाने संबधी बच्चे जागरूक होंगे।
बागवानी व कृषि विकास केंद्रों से ली जाएगी मदद
डीईओ एलीमेंट्री बलबीर सिंह ने बताया कि किचन गार्डन में तैयार सब्जियों से बच्चों को हाइजेनिक न्यूट्रीशियंस मिलेगा। बच्चों की अच्छी सेहत बनेगी और बच्चे किचन गार्डन से विरासती खेती के बारे में जागरूक होंगे। डीईओ ने बताया कि इसको लेकर बागवानी विभाग व कृषि विकास केंद्रों से संबंधित विभागों से सहायता ली जाएगी।
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