विधायकों की लड़ाई, जत्थेबंदियों तक आई
कांग्रेसी विधायकों की लड़ाई अब जत्थेबंदियों तक आ पहुंची है।
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चारों विधायकों के पक्ष में आईं जत्थेबंदियां और बुद्धिजीवि, संघर्ष का किया एलान जागरण संवाददाता, पटियाला : कांग्रेसी विधायकों की लड़ाई अब जत्थेबंदियों तक आ पहुंची है। अपने ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले विधायकों का साथ देने के लिए विभिन्न संगठनों ने भी तैयारी कर ली। इससे स्पष्ट है कि बागी विधायकों को मुख्यमंत्री के जिले में जहां जत्थेबंदियों का साथ मिलने लगा है, वहीं आने वाले समय में सरकार के लिए यह स्थिति ओर भी विकट हो सकती है।
सोमवार को यहां रविदास मंदिर में अनुसूचित जाति और पिछड़ी श्रेणियों की कर्मचारी फेडरेशन पंजाब, एससी बीसी अध्यापक यूनियन पंजाब, दलित थिक टेक आर्गेनाइजेशन, डॉ. बीआर अंबेडकर क्लब पटियाला, दलित सेना पटियाला ने मीटिग करके कहा है कि यदि कैप्टन सरकार अपने विधायकों को ही जलील कर रही है तो आम लोगों का क्या हाल होगा। यदि कैप्टन के अपने जिले में ही उनके चार विधायक उनसे खफा चल रहे हैं तो पंजाब का क्या हाल होगा। यह मुद्दा अब तक हल कर लेना चाहिए था लेकिन लगता है कि अफसरशाही के दबाव में कैप्टन सरकार किसी बड़ी घटना की आस में है। उन्होंने कहा कि हलका शुतराना के विधायक निर्मल सिंह पहले ही कह चुके हैं कि कैप्टन अमरिदर व सांसद परनीत कौर पिछड़ी श्रेणियों के साथ संबंध रखने वाले विधायकों को उनके हलके में बदनाम कर रही है जिससे लोगों में उनके विधायकों की छवि खराब हो जाए, परंतु इसका नुकसान कांग्रेस को भुगतना पड़ेगा। इसी तरह मदन लाल जलालपुर, हरदयाल सिंह कंबोज और काका रजिदर सिंह भी लोग मुद्दों पर सरकार पर सवाल लगा रहे हैं कि यदि लोगों के काम अफसरशाही नहीं करेगी तो विधायक क्या करेंगे। विधायको को इंसाफ मिलने पर संघर्ष की दी चेतावनी
नेताओं ने कहा कि एससी जत्थेबंदियां और बुद्धिजीवी संस्थाए (दलित थिक टेक आर्गेनाइजेशन) ने पंजाब की कैप्टन सरकार पर आरोप लगाया है कि वह मुख्यमंत्री के जिले के चार विधायकों को परेशान कर रहे हैं। इनको अलग -अलग तरीकों के साथ परेशान करना स्पष्ट करता है कि कैप्टन सरकार पिछड़ी श्रेणियों के हक दबाकर रखना चाहती है। नेताओं ने एलान किया कि यदि कैप्टन सरकार ने इन विधायकों को इंसाफ न दिया तो वह अगले दिनों में लोक लहर चला कर बड़ा संघर्ष करने के लिए मजबूर होंगे। इस संबंधित लोगों को आवाज मार कर इकट्ठा किया जाएगा। नेताओं ने कहा कि यदि इन विधायकों की सरकार ने न सुनी तो वह विधायकों की तरफ से एक जनवरी को मोती महल के आगे दिए जा रहे धरने में बड़ी संख्या में शामिल होंगे। दलित भाईचारो में नाराजगी
अलग अलग जत्थेबंदियों के मुखियों में से अमरीक सिंह बंगड़, मलागर सिंह, सतविदर सिंह, थिक टेक आर्गेनाइजेशन के बलविदर सिंह जातीवाल (पूर्व जीएम मिल्कफैड) महिदर सिंह (पूर्व डिप्टी डायरेक्ट पंचायत), सीएल चौधरी (पूर्व सहायक इंज. पुडा), दलीप सिंह (एसई पावरकाम सेवा मुक्त), हरदीप सिंह (पूर्व एसडीओ बीएसएन) मौके पर उपस्थित थे। इन सभी ने कहा कि यदि इस मुद्दे पर कैप्टन अमरिदर सिंह ने गंभीरता के साथ जल्द कोई फैसला न किया तो वह पंजाब भर में एससी और बीसी जत्थेबंदियोँ को एकत्रित करके बड़ा संघर्ष करने के लिए मजबूर होंगे।