जेल में SGPC अध्यक्ष की राजोआणा संग तस्वीर खिंचवाने पर विवाद बढ़ा, Jail सुपरिंटेंडेंट पर गाज
एसजीपीसी प्रधान गोबिंद सिंह लोंगोवाल के पूर्व सीएमबेअंत सिंह के हत्यारे बलवंत सिंह राजोआण के संग जेल में फोटो खिंचवाने का विवाद तूल पकड़ गया है। इसेी गाज जेल अधीक्षक पर गिरी है।
पटियाला,जेएनएन। केंद्रीय जेल पटियाला में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के प्रधान गोबिंद सिंह लोंगोवाल की फांसी की सजा प्राप्त बलवंत सिंह राजोआणा के साथ तस्वीर खिंचवाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इसकी गाज जेल सुपरिंटेंडेंट पर गिर गई है। जेल सुपरिंटेंडेंट भूंपिंदर सिंह विर्क का पटियाला केंद्रीय जेल से तबादला कर चंडीगढ़ में तैनात कर दिया गया है। अब वह चंडीगढ़ मुख्यालय में रिपोर्ट करेंगे। इसके साथ ही जेल कार्यालय की तस्वीर वायरल होने और तीन से अधिक व्यक्तियों की मुलाकात संबंधित भी जांच की जा रही है।
जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि जेल में तीन से अधिक लोगों की मुलाकात एक समय में नहीं हो सकती है। इसके साथ ही जेल के अंदर मोबाइल ले जाकर व तस्वीर खींचकर नियमों का उल्लंघन किया गया है, जिस कारण जेल सुपरिंटेंडेंट पर कार्रवाई की गई है। उन्होंने बताया कि कपूरथला जेल के सुपरिंटेंडेंट एसपी खन्ना को पटियाला जेल में तैनात किया गया है, वहीं कपूरथला में बलजीत सिंह घुम्मन को लगाया गया है। नरपिंदर सिंह को डिप्टी सुपरिंटेंडेंट मेंटीनेंस कपूरथला जेल में लगाया गया है। जेल मंत्री ने कहा कि जेल नियमों का उल्लंघन करने वाले किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा।
यह है मामला
एसजीपीसी अध्यक्ष गोङ्क्षबदसिंह लोंगोवाल के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने सोमवार को केंद्रीय जेल पटियाला में बंद राजोआणा के साथ मुलाकात की थी। इस दौरान शिष्टमंडल ने राजोआणा के साथ एक तस्वीर भी खिंचवाई थी, जोकि वायरल हो गई थी। इस पर दिवंगत मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पौत्र और लुधियाना से कांग्रेस विधायक रवनीत सिंह बिïट्टू ने जेल मंत्री रंधावा से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की थी। जेल मंत्री ने मामले की जांच डीआइजी (जेल) एलएस जाखड़ को सौंपी थी।
------------
शिवसेना ने जारी की राजोआणा की जेल के अंदर की फोटो
शिवसेना (बाल ठाकरे) पंजाब के कार्यकारी प्रधान हरीश सिंगला ने कहा कि एसजीपीसी प्रधान गोबिंद सिंह लोंगोवाल की ओर से केंद्रीय जेल में बलवंतसिंह राजोआणा से मुलाकात कर फांसी की माफी का भरोसा देना निंदनीय है।
सिंगला ने कहा कि अकाली दल और एसजीपीसी को एक सजायाफ्ता से इतनी सहानुभूति क्यों है। एसजीपीसी प्रधान लोंगोवाल और अकाली दल प्रधान सुखबीर सिंह बादल ऐसे लोगों को सिख धर्म के साथ क्यों जोड़ते हैं। राजोआणा की जेल के गुरुद्वारे में सेवा करते हुए भी एक फोटो बाहर आई है वो कैसे आई है। शिवसेना का यह सवाल है कि जेल के अंदर फोटोग्राफी कौन करता है और उसे बाहर कैसे भेजता है। ऐसे में जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं।
सिंगला ने कहा कि राजोआणा को कैदियों की ड्रेस में भी नहीं देखा गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा को इस संबंध में अपना स्टैंड स्पष्ट करना चाहिए। उन्होंने चुनाव आयोग से भी मांग की कि अकाली दल की मान्यता रद की जाए।