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पीयू की एससी,बीसी मामले की इनक्वारी रिपोर्ट सोशल मीडिया में वायरल

पटियाला पंजाबी यूनिवर्सिटी में एससी व बीसी मामले की जांच रिपोर्ट के दस्तावेज सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 06 Oct 2020 12:51 AM (IST)Updated: Tue, 06 Oct 2020 05:10 AM (IST)
पीयू की एससी,बीसी मामले की इनक्वारी रिपोर्ट सोशल मीडिया में वायरल
पीयू की एससी,बीसी मामले की इनक्वारी रिपोर्ट सोशल मीडिया में वायरल

जागरण संवाददाता, पटियाला : पंजाबी यूनिवर्सिटी में एससी व बीसी मामले की जांच रिपोर्ट के दस्तावेज सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं। शनिवार से यह मामला यूनिवर्सिटी में चर्चा में रहा। इनक्वारी के दस्तावेज किस व्यक्ति ने वायरल किए, के बारे में किसी को जानकारी नहीं है। हालांकि यह रिपोर्ट अगले महीने होने वाली सिडीकेट की मीटिग में कार्रवाई के लिए रखी जानी है। वायरल हुई इनक्वारी रिपोर्ट संबंधी यूनिवर्सिटी का कोई भी अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है। इनक्वारी दस्तावेजों में यूनिवर्सिटी के साथ कर्मचारियों की पड़ताल का जिक्र

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पंजाबी यूनिवर्सिटी में गलत एससी, बीसी सर्टिफिकेट के आधार पर भर्ती सात व्यक्तियों का जिक्र वायरल हुए इनक्वारी के दस्तावेज में किया गया है। इकोनामिक्स विभाग के प्रोफेसर का एससी सर्टिफिकेट हिमाचल प्रदेश का बताया गया है। इसी तरह यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिग की महिला असिस्टेंट प्रोफेसर ईसीई के बीसी सर्टिफिकेट में लुहार जाति बताया गया है। इनक्वारी रिपोर्ट के अनुसार इस जाति को सरकार ने जनजाति में शामिल नहीं किया है और न ही इस जाति को किसी सूचि में शामिल किया गया है। इसी तरह यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिग के एमई विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर ने भर्ती के दौरान अपना वेतन 40,500 व सालाना 4.86 लाख बताया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि निर्धारित नियम अनुसार 4.50 लाख से ज्यादा है। इसी विभाग के एक ओर असिस्टेंट प्रोफेसर ने अपनी आमदन संबंधित जानकारी देने के साथ माता-पिता की आमदनी शामिल करके सर्टिफिकेट नहीं दिया है। इंजीनियरिग विभाग के सीई विभाग की महिला असिस्टेंट प्रोफेसर ने पिता का जनजाति सर्टिफिकेट लगाने की जगह पति का लगाया है। जिससे यह स्पष्ट नहीं होता कि वे खुद इस जाति से संबंधित है या नहीं। उधर, इंजीनियरिग कॉलेज के एमई विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर ने तरखान जाति का सर्टिफिकेट दे रखा है। जबकि इस जाति को राज्य सरकार ने अपनी सूचि में शामिल नहीं किया ओर न ही अपनी आमदन के साथ माता-पिता की आमदन संबंधी जानकारी दी। इसके अलावा इस इनक्वारी रिपोर्ट में एक ओर प्रोफेसर के सर्टिफिकेट संबंधी जानकारी दी गई है।


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