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एक लाख 42 हजार पेंशनर्स को सात माह से पेमेंट नहीं

राज पारचा, पटियाला दस साल बाद सत्ता में वापसी करने वाली कांग्रेस सरकार आर्थिक संकट से जू

By JagranEdited By: Published: Tue, 12 Sep 2017 07:21 PM (IST)Updated: Tue, 12 Sep 2017 07:21 PM (IST)
एक लाख 42 हजार पेंशनर्स को सात माह से पेमेंट नहीं
एक लाख 42 हजार पेंशनर्स को सात माह से पेमेंट नहीं

राज पारचा, पटियाला

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दस साल बाद सत्ता में वापसी करने वाली कांग्रेस सरकार आर्थिक संकट से जूझ रही है, यह बात किसी से छीपी नहीं। इस आर्थिक संकट का असर जिले के करीब 1 लाख 42 हजार पेंशनर्स, इनमें बुजुर्ग, विधवा, दिव्यांग एवं आश्रित बच्चों पर देखने को मिल रहा है। आठ माह से पेंशनर्स को पेंशन न मिलने के कारण उनकी आर्थिक स्थिति और खराब हो गई है। सभी पेंशनर्स रोजाना जिला सामाजिक सुरक्षा कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन यहां भी स्थिति स्पष्ट न होने के चलते उनकी परेशानी दोगुना बढ़ जाती है। हालात ऐसे हैं कि बुजुर्ग रोजाना दफ्तर में अपना गुस्सा मुलाजिमों पर निकलकर लौट जाते हैं। बड़ी संख्या में बुजुर्ग डीएसएसओ कार्यालय के बाहर इकट्ठा हो रहे हैं, जहां उन्होंने दैनिक जागरण को आपबीती बताई। गौरतलब है कि इन सभी पेंशनर्स को 500 रुपये प्रत्येक व्यक्ति पेंशन मिलती है।

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चार बार लगा चुका चक्कर

सर¨हद रोड स्थित गांव हसनपुर निवासी हरबंस ¨सह को वृद्ध पेंशन मिली है। उन्होंने बताया कि पिछले छह महीनों से पेंशन न मिलने के कारण दवा लेने तक के लाले पड़ गए हैं। जिला सामाजिक सुरक्षा दफ्तर से भी सही जानकारी नहीं मिल पाने के कारण परेशानी दोगुना हो जाती है। पिछले छह-चार महीनों में चार चक्कर लगा चुका हूं, लेकिन स्थिति का ठीक से पता नहीं चल पा रहा। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि हम बुजुर्गो की तरफ ध्यान दे, ताकि जीवन का अंतिम समय हम बुजुर्ग ठीक से गुजर सके।

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काम करने की नहीं रही अब हिम्मत

गांव भटेड़ी कलां निवासी देवी ¨सह पेंशन न मिलने से परेशान हैं। हर महीने पेंशन संबंधी जानकारी लेने के लिए डीएसएसओ दफ्तर पहुंचते हैं। उन्होंने बताया कि 70 की उम्र हो चुकी है अब काम करने की हिम्मत नहीं। ऐसे में पेंशन एक सहारा है। जब यह सहारा नहीं मिल पा रहा है। ऐसे हालातों में हम जैसे मजबूर क्या करें। उसी तरह दिव्यांग गुलजार ¨सह भी यहां लाठी के सहारे पहुंचते थे। उन्होंने बताया कि शुगर से ग्रस्त होने के कारण दवाओं पर काफी खर्च हो जाता है। हर महीने पेंशन मिलने से कुछ सहारा मिलता है। कांग्रेस की नई सरकार बनने के बाद से पेंशन नसीब नहीं हो सकी है। इस कारण समस्या दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही है।

हर कैटेगिरी में इतने हैं पेंशनर

बुढ़ापा : 95544

विधवा : 25890

आश्रित बच्चे : 9914

दिव्यांग : 11591

टोटल : 1,42,939

यह आंकड़ा जुलाई तक का है।

पेंशन बांटने में देरी सरकार के ध्यान में मामला : डीएसएसओ

जिला सामाजिक सुरक्षा अधिकारी व¨रदर बैंस ने बताया कि फिलहाल पेंशनर्स से दस्तावेज मंगवाए जा रहे हैं, जिन्होंने अपने आधार कार्ड या फिर बैंक अकाउंट दफ्तर में जमा नहीं करवाए। इसके अलावा फरवरी तक सभी पेंशनर्स को पेंशन बांटी जा चुकी है। अब अगली पेंशन जल्द आने की उम्मीद है। पेंशन देने में हो रही देरी के बारे में सरकार को जानकारी है।


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