पातड़ां के ग्राम बरास में कृषि विभाग ने की खाद की जांच
पटियाला के मुख्य कृषि अधिकारी डा. जसविदरपाल सिंह ग्रेवाल के नेतृत्व में कृषि विभाग की टीम ने गांव बरास का दौरा किया और डीएपी खाद के संबंध में प्राप्त शिकायत की जांच की।
संसू, पातड़ां (पटियाला) : पटियाला के मुख्य कृषि अधिकारी डा. जसविदरपाल सिंह ग्रेवाल के नेतृत्व में कृषि विभाग की टीम ने गांव बरास का दौरा किया और डीएपी खाद के संबंध में प्राप्त शिकायत की जांच की। टीम में कृषि अधिकारी समाना डा. कुलदीपिदर सिंह ढिल्लों के साथ मौके पर गांव में दिलप्रीत सिंह समेत अन्य कृषि अधिकारी मौजूद थे और उन्होंने यह खाद खरीदने वालों के बयान दर्ज किए। उन्होंने कहा कि खाद गांव में आने वाले ट्रकों से खरीदी गई थी। इसके अलावा जिनके पास यह डीएपी खाद है, उन्होंने बरसीम, मटर और आलू बोए हैं।
मुख्य कृषि अधिकारी डा. जसविदरपाल सिंह ग्रेवाल ने कहा कि मामला उनके नोटिस में आया था और साथ ही गांव बरास के सरपंच सतनाम सिंह ने शिकायत दर्ज कराई थी जिसके आधार पर कृषि विभाग की टीम ने पूरे मामले की जांच की है। साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ किसानों ने लिखित में कहा है कि वे डीएपी के नकली होने की कोई शिकायत उन्होंने नहीं की है, उनकी फसल की वृद्धि संतोषजनक है, लेकिन सरपंच सतनाम सिंह सहित दो किसानों ने डीएपी संबंधी शिकायत की है।
मुख्य कृषि अधिकारी ने कहा कि जिन किसानों ने इस डीएपी के लिए आवेदन किया था, उनके खेतों का दौरा करने पर पता चला कि मटर और बरसीम की उपज अच्छी थी, लेकिन किसान द्वारा निर्धारित समय से लगभग दो सप्ताह बाद आलू की किस्म की देर से बुआई के कारण आलू की अंकुर की दर कुछ धीमी थी। मौके पर किसानों से डीएपी खाद की एक भी बंद बोरी नहीं मिली। सरपंच ने खुले बैग से नमूना भरने पर जोर दिया लेकिन उर्वरक नियंत्रण आदेश के अनुसार उपलब्ध खाद से नमूना असंभव था। उन्होंने कहा कि किसानों के शुरुआती बयान और टीम द्वारा की गई जांच के आधार पर मामला गांव में गुटबाजी का लग रहा है लेकिन अभी भी विभाग द्वारा आगे की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि यदि कोई खाद विक्रेता इस संबंध में दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।