नौजवान ने नशा मुक्ति केंद्र में दाखिल न किए जाने का लगाया आरोप
फोटो-14 -बैड की कमी के कारण और व्यक्ति को दाखिल करना कठिन :डॉक्टर जागरण संवाद
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-बैड की कमी के कारण और व्यक्ति को दाखिल करना कठिन :डॉक्टर जागरण संवाददाता, फतेहगढ़ साहिब
पंजाब सरकार के नशा के आदी व्यक्तियों को नशामुक्ति केंद्र में दाखिल करवाने की मुहिम को उस समय जबरदस्त झटका लगा। जब पुलिस की तरफ से दाखिल करवाने के लिए लाए नशे के आदी नौजवान को सिविल अस्पताल के नशामुक्ति केंद्र में दाखिल नहीं किया गया। बल्कि उक्त व्यक्ति सिविल अस्पताल के इमरजेंसी में रखना पड़ा। अस्पताल वाले उस पर घर जाने का दबाव डाल रहे हैं।
सिविल अस्पताल में दाखिल एक व्यक्ति ने प्रेस को बताया कि वह बस्सी पठाणा के नज़दीक एक गाँव में रहता है। और वह नशा करने का आदी है। परन्तु अब वह नशा छोड़ना चाहता है। उसके गाँव वासी और बस्सी पठाना पुलिस के सहायक थानेदार अमरजीत सिंह उसे बीते दिन 14 जुलाई को नशामुक्ति् केंद्र लाए। जहाँ उसको दाखिल नहीं किया गया। पुलिस वाले उसको इमरजेंसी वार्ड में छोड़ गए। उसने बताया कि वह बीते दिन से इमरजेंसी वार्ड में पड़ा है। वहाँ के स्टाफ की तरफ से उसको नशा छोड़ने के लिए कोई दवा नहीं दे रहे हैं। उसकी देखभाल भी नहीं की जा रही। बीती रात भी अस्पताल वालों ने उसको घर भेज दिया था। परन्तु उसके चाचा -चाची फिर इमरजैसी में ले आए।
क्या कहना है पुलिस का..
बस्सी पठाना एसएचओ दलजीत सिंह सिद्धू ने कहा कि बीते दिन एक व्यक्ति को सहायक थानेदार अमरजीत सिंह नशामुक्ति केंद्र में दाखिल करवाने गया था। वंहा डाक्टरों ने बताया कि यहाँ केवल 10 बैड हैं। और कोई भी बैड खाली नहीं है। एसएसपी अलका मीना से बात की तो उन्होंने उक्त व्यक्ति को सिविल अस्पताल में रखने के लिए कहा। उसके बाद क्या हुआ यह सेहत विभाग का काम है। क्या कहना है डाक्टर का..
डिप्टी मैडीकल कमिशनर डा. जगदीश सिंह ने कहा कि केंद्र में 10 बैड ही हैं। और बैंडों की कमी कारण इमरजेंसी वार्ड में उसका इलाज शुरू कर दिया है। बैंडों की संख्या बढ़ाने के लिए सरकार और विभाग को अवगत करवाया जा रहा है।