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ट्रैक्टर परेड के लिए किसानों का काफिला दिल्ली के लिए रवाना

कृषि कानूनों खिलाफ 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मौके ट्रैक्टर परेड में शामिल होने के लिए गांवों से किसान ट्रैक्टरों के काफिले लेकर दिल्ली रवाना हो रहे है

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Jan 2021 11:31 PM (IST)Updated: Sun, 24 Jan 2021 11:31 PM (IST)
ट्रैक्टर परेड के लिए किसानों का काफिला दिल्ली के लिए रवाना
ट्रैक्टर परेड के लिए किसानों का काफिला दिल्ली के लिए रवाना

जेएनएन, पातड़ां

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कृषि कानूनों खिलाफ 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मौके ट्रैक्टर परेड में शामिल होने के लिए गांवों से किसान ट्रैक्टरों के काफिले लेकर दिल्ली रवाना हो रहे हैं। गांव शुतराना, पातड़ां, न्याल, मौलवीवाल, घग्गा और बादशाहपुर से किसानों दे ट्रैक्टरों समेत सुबह से ही दिल्ली संगरूर राष्ट्रीय मुख्य मार्ग पर गोबिदपुरा टोल प्लाजा पर ट्रैक्टरों का जमावड़ा होना शुरू हो गया था। इसी दौरान बादशाहपुर आदि गांवों से ट्रैक्टरों का बड़ा काफिला किसान नेता यादविदर सिंह भंगू के नेतृत्व में दिल्ली के लिए रवाना हुए काफिले की रवानगी से पहले क्रांतिकारी किसान यूनियन के उप प्रधान हरभजन सिंह बुट्टर ने नौजवानों को अनुशासन और शांतमयी ढंग के साथ चलने की ताकीद करते कहा कि इस ऐतिहासिक आंदोलन में किसानों की जीत निश्चित है। इस मौके सर्कल प्रधान गुरिदर सिंह भंगू, नरिदर सिंह संधू, सुरजीत सिंह माहल, डा जुझार सिंह, डा सुखविदर, चरनजीत सिंह उप्पल और बड़ी संख्या किसान उपस्थित थे। हैरीमान की अगुआई में शहीद हुए किसानों की याद में निकाला गया कैंडल मार्च

सनौर (पटियाला):केंद्र की तरफ से बनाऐ गए तीन काले कानूनों के विरोध में आज अकेला पंजाब ही नहीं बल्कि पूरे हिदुस्तान और पूरी दुनिया के में बसते पंजाबियों और हर वर्ग के लोग बढ़ चढ़ कर भाग ले रहे हैं और इस आंदोलन में अपनी तरफ से बनता हर संभव योगदान भी दे रहे हैं। इसी के अंतर्गत आज हलका सनौर में वहां के सरप्रस्त हरिदरपाल सिंह हैरीमान के नेतृत्व में चल रहे किसानी आंदोलन में शहीद हुए किसानों को याद करते एक कैंडल मार्च निकाला गया। इस दौरान बड़ी संख्या के में नौजवान मौजूद रहे।

हैरी मान ने कहा कि

कहा कि हम पंजाबी ही नहीं,पूरे हिदुस्तान और पूरी दुनिया के में बसते पंजाबी और हर वर्ग के लोग इस किसानी आंदोलन के में अपना योगदान दे रहे हैं और यह संघर्ष इसी तरह ही चलता रहेगा, जितनी देर मोदी सरकार अपना अड़ियल रवैया छोड़ कर यह काले कानून रद्द नहीं करती।, इस दौरान नौजवानों ने इस किसानी आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों की आत्मिक शांति के लिए अरदास भी की, इस दौरान तरनदीप सिंह ग्रेवाल, मनसिमरत सिंह रियाड, दिपांशु सनौर,गांधी सनौर, मौनी, सिमरन, केविन, बरेनी,राजन, सुमित राव और ओर नौजवान बड़ी संख्या में मौजूद रहे।


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