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    अब इस दिन दिल्ली कूच करेंगे किसान, सरवन सिंह पंधेर का बड़ा एलान; कहा- केंद्र से मीटिंग के बाद लिया जाएगा फैसला

    Updated: Mon, 24 Feb 2025 11:32 AM (IST)

    किसान नेता सरवन सिंह पंधेर (Sarvan Singh Pandher) ने 19 मार्च को केंद्र सरकार के साथ होने वाली बैठक के परिणाम पर आधारित आगामी कदमों की योजना बनाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि अगर इस बैठक में कोई समाधान नहीं निकलता है तो 25 मार्च को 101 किसानों (Farmers Protest) का जत्था दिल्ली कूच करेगा। किसान MSP पर कानून सहित कई मांगों के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

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    मीटिंग के दौरान किसान नेता सरवन सिंह पंधेर।

    जागरण संवाददाता, राजपुरा (पटियाला)। Punjab News: सोमवार को रखी मीटिंग के दौरान किसान नेता सरवन सिंह पंधेर (Sarvan Singh Pandher) ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि केंद्र सरकार से 19 मार्च को होने वाली बैठक के परिणाम पर आधारित आगामी कदमों की योजना बनाई जाएगी।

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    19 मार्च को केंद्र सरकार के साथ होगी तीसरी बैठक

    पंधेर ने बताया कि केंद्र सरकार से अब तक दो मीटिंग हो चुकी हैं, लेकिन कोई ठोस हल सामने नहीं आ पाया है। उन्होंने कहा कि 19 मार्च को हमारी सरकार से तीसरी बैठक होगी और अगर इस बैठक में कोई समाधान नहीं निकलता, तो 25 मार्च 2025 को 101 किसानों का जत्था दिल्ली कूच करेगा।

    यह भी पढ़ें- Farmers Protest: नहीं निकला हल... किसानों और सरकार के बीच छठे चरण की बातचीत भी बेनतीजा, कब होगी अगली बैठक?

    यह फैसला दोनों प्रमुख किसान संगठनों की बैठक के दौरान लिया गया। पंधेर ने यह भी स्पष्ट किया कि फिलहाल दिल्ली कूच के लिए कल कोई जत्था रवाना नहीं किया जाएगा। इस एलान से किसान आंदोलन (Farmers Protest) में काफी जोश दिखा और अब सभी की नजरें 19 मार्च की बैठक पर हैं।

    पूरी नहीं हुई मांगे तो 25 मार्च को दिल्ली कूच करेंगे किसान

    किसान नेताओं का कहना है कि सरकार को किसानों की समस्याओं का हल निकालने के लिए गंभीरता से विचार करना चाहिए। वे लंबे समय से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानून बनाने, बिजली बिल में संशोधन और अन्य मांगों के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

    पंधेर ने आगे कहा कि अगर सरकार किसानों की मांगों पर ध्यान नहीं देती, तो 25 मार्च को किसान दिल्ली कूच करेंगे और यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक किसानों की आवाज सुनाई नहीं देती। किसान संगठनों के बीच यह बैठक सरकार से आवश्यक समझौतों की उम्मीद जगाती है, जबकि किसान अपने हक के लिए संघर्ष करने की पूरी तैयारी में हैं।

    किसानों-मजदूरों को 10 हजार रुपये के बुढ़ापा पेंशन की मांग

    वहीं, एक और खबर की बात करें तो भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां ब्लाक मोगा-2 की बैठक ब्लाक अध्यक्ष इकबाल सिंह सिंघावाला की अध्यक्षता में गांव डरोली भाई में हुई। इस बैठक में जिला वित्त सचिव बलौर सिंह घलकलां विशेष तौर पर उपस्थित हुए।

    इस मौके पर बलौर सिंह घलकलां ने कहा कि केन्द्र की सरकार ने खेती से संबंधित काले कानून रद्द करने समय किसानों की कई और मांगे भी लिखित रूप में मानी थीं, लेकिन केंद्र सरकार ने वह मांगे अभी तक लागू नहीं की, बल्कि जो तीन काले कानून रद्द किए थे, उनको दोबारा लागू करने के लिए अब सरकार ने राष्ट्रीय मंडीकरण नीति संबंधी कानून राज्य सरकार को भेजा है, ताकि उन कानूनों को गलत ढंग से लागू किया जा सके।

    उन्होंने कहा कि असल में केन्द्र व राज्य सरकार मिलकर किसानों की जमीनें छीनकर कॉर्पोरेट घरानों के हवाले करना चाहती है। किसानों की मांग है कि केन्द्र सरकार राष्ट्रीय मंडीकरण नीति संबंधी भेजा कानून वापस ले, एमएसपी की गारंटी का कानून बनाए तथा इस पर खरीद की गारंटी की जाए, किसानों, मजदूरों के सिर चढ़े कर्जे खत्म किए जाए, किसानों व मजदूरों को बुढ़ापा पेंशन 10 हजार रुपये दी जाए।

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