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राज्य के 110 स्कूलों को शिक्षा विभाग का नो इंस्पेक्शन का दर्जा

पटियाला एक ओर जहां सरकार करोड़ों रुपये खर्च करके भी अधिकतर सरकारी स्कू

By JagranEdited By: Published: Sat, 23 Feb 2019 06:15 PM (IST)Updated: Sat, 23 Feb 2019 06:15 PM (IST)
राज्य के 110 स्कूलों को शिक्षा विभाग का नो इंस्पेक्शन का दर्जा
राज्य के 110 स्कूलों को शिक्षा विभाग का नो इंस्पेक्शन का दर्जा

गौरव सूद, पटियाला

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एक ओर जहां सरकार करोड़ों रुपये खर्च करके भी अधिकतर सरकारी स्कूलों की हालत नहीं सुधार पा रही है। वहीं दूसरी ओर कई शिक्षक एवं स्कूल ऐसे हैं जो स्कूल के विकास कार्यो के लिए सरकार के भरोसे न बैठकर स्वयं के संसाधनों से अपने स्कूल को संवार रहे हैं। इसके तहत शिक्षा विभाग की तरफ से ऐसे 110 स्कूलों की सूची जारी की गई है, जिनमें स्कूलों का प्रबंध बढि़या ढंग के साथ चलाया जा रहा हैं। इन स्कूलों को शिक्षा विभाग ने नो इंस्पेक्शन का दर्जा दिया है। इनमें पटियाला जिले के पांच स्कूल भी शामिल हैं। इस कड़ी में जिले के सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल वजीदपुर के स्कूल स्टाफ द्वारा स्वयं के संसाधनों से स्कूल को संवार कर अन्य शिक्षकों के लिए भी मिसाल पेश की गई है। इन शिक्षकों द्वारा पिछले दो साल में स्कूल के विकास कार्यो पर 2 लाख से ज्यादा खर्च किए जा चुके है। स्कूल स्टाफ द्वारा पैसे इक्टठे कर एक लाख रुपये से स्कूल में 6 शौचालय लड़के व लड़कियों के लिए अलग-अलग बनाए गए हैं। इसके अलावा स्कूल स्टाफ द्वारा 42 हजार रुपये खर्च कर सीसीटीवी कैमरे भी लगवाए गए हैं, ताकि कोई भी अप्रिय घटना न हो। वहीं स्कूल में सबमर्सिबल और वाटर कूलर के लिए करीब 75 हजार रुपये खर्च किए हैं। वहीं स्कूल के स्टूडेंट्स पढाई सहित कई साइंस फेयर, कविता मुकाबले और खेलों में भी राज्य स्तर पर स्कूल का नाम रोशन कर चुके हैं।

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सूची में शामिल स्कूलों का औचक निरीक्षण नहीं कर सकेंगे अधिकारी

शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किए हैं कि सूची में शामिल 110 उक्त स्कूलों में कोई भी शिक्षा सुधार टीम नहीं जाएगी और कोई भी अधिकारी इन स्कूलों का औचक निरीक्षण दौरा नहीं करेगा। अधिकारी इन स्कूलों में निर्धारित शेड्यूल अनुसार ही जा सकेंगे और स्कूल की बेस्ट प्रेक्टिसेज और स्कूल में प्रभावशाली बातें ही नोट कर सकेंगे। वहीं दूसरे स्कूलों के अध्यापक और स्कूल प्रमुख भी इन स्कूलों की अच्छी प्रेक्टिस के बारे में जाकर जानकारी ले सकेंगे।

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सूची में शामिल होने के लिए ये रहे मानदंड

इस सूची में उन स्कूलों को को शामिल किया गया है जिनमें स्कूलों में चे¨कग के दौरान न के बराबर कमियां पाई गई। वहीं स्कूल के रिजल्ट और स्कूल की ओवरऑल डेवलपमेंट के मद्देनजर इन स्कूलों को उक्त सूची में शामिल किया गया है। इसका मकसद ये है कि इन स्कूलों को मॉडल के तौर पर सेट करके अन्य स्कूलों को भी इस राह पर चलाया जा सके।

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किस जिले के कितने स्कूल इस कैटागरी में शामिल

विभाग द्वारा जारी 110 स्कूलों की सूची में पटियाला के 5 स्कूल सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल वजीदपुर, हरपालपुर, हामझेड़ी, सरकारी हाई स्कूल खैरपुर जट्टां व माता कौशल्या देवी हाई स्कूल घडाम शामिल हैं। इसके अतिरिक्त कपूरथला के 3, फरीदकोट और मानसा के 4-4, श्री मुक्तसर साहिब, पठानकोट, अमृतसर, मोहाली, होशियारपुर, फतेहगढ़ साहिब, रूपनगर, फिरोजपुर, तरनतारन, मोगा, फाजिल्का, बरनाला, गुरदासपुर और लुधियाना के 5-5 तथा जालंधर, नवांशहर, संगरूर व ब¨ठडा के 6-6 स्कूल शामिल हैं।

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सूची वाले स्कूलों से सुझाव लेकर अन्य स्कूल भी करें तरक्की के लिए काम : शिक्षा सचिव

सचिव स्कूल शिक्षा कृष्ण कुमार ने कहा है कि पंजाब के सरकारी स्कूलों में स्कूल प्रमुख अपने स्कूलों को शिक्षा विभाग की तरफ से समय-समय पर जारी हो रही हिदायतें और दिशा-निर्देशों का पालन कराते हुए बहुत बढि़या ढंग के साथ चला रहे हैं। स्कूलों के नतीजे भी बढि़या आ रहे हैं। सूची में शामिल स्कूलों से सुझाव लेकर अन्य शिक्षक भी अपने स्कूलों के नतीजों और सह-अकादमिक क्रियाओं में बढि़या कारगुजारी दिखाकर इस सूची में शामिल हो सकते हैं।

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रिटायर्ड व स्कूल स्टाफ के सहयोग से हुआ संभव : ¨प्रसिपल

वजीदपुर सरकारी सीसे स्कूल की ¨प्रसिपल ह¨रदर कौर ने स्कूल की इस उपलब्धि का श्रेय स्कूल से रिटायर्ड व मौजूदा स्कूल स्टाफ को दिया है। जिन्होंने पढ़ाई के साथ-साथ स्कूल की तरक्की को अपना कर्तव्य समझते हुए स्कूल के विकास कार्यो के लिए पूर्ण तौर पर सहयोग किया है। उन्होंने बताया कि इस समय स्कूल में करीब 45 अध्यापक और 600 स्टूडेंट्स हैं। स्कूल में जिस चीज की जरूरत होती ह,ै उसके लिए स्कूल में मी¨टग करके बराबर हिस्सा डालकर कमी को दूर करने की कोशिश की जाती है। वहीं जरूरत पड़ने पर स्कूल से सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों की सहायता भी ले ली जाती है।


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