चालान का क्यों करें भुगतान, जब चल रहा डुप्लीकेट डीएल व आरसी से काम
राज पारचा, पटियाला ट्रैफिक पुलिस नियमों की अवहेलना करने पर वाहनों चालकों के चालान का
राज पारचा, पटियाला
ट्रैफिक पुलिस नियमों की अवहेलना करने पर वाहनों चालकों के चालान काटकर जिला परिवहन विभाग और जिला अदालत में तो भेज रही है। वाहन चालक बड़ी चतुराई के साथ चालान न भुगतते हुए डुप्लीकेट लाइसेंस (डीएल) एवं वाहन रजिस्ट्रेशन कॉपी (आरसी) मामूली पैसे अदा करके काम चला रहे हैं। पुलिस एवं परिवहन विभाग की ओर से किए गए चालानों की बढ़ती संख्या विभाग के लिए सिरदर्द बनती जा रही है। इस सिरदर्दी से निजात पाने के लिए विभाग चालान न भुगतने वाले वाहन चालकों की सूची तैयार करवा रहे है। सूची तैयार होने के बाद विभाग ऐसे सभी वाहन चालकों को रिमाइंडर नोटिस निकाल कर जुर्माना भरने को कहेगा। अगर व्यक्ति इसके बाद भी अपना चालान भुगतने नहीं पहुंचता है तो इन हालातों में विभाग वाहन मालिक के खिलाफ कार्रवाई करते हुए लाइसेंस रद करने के अलावा अन्य कार्यवाही को अंजाम में ला सकता है।
यातायात पुलिस एवं परिवहन विभाग ने मुहिम चला कर वाहनों के चालान तो बढ़ा दिए, लेकिन 30 से 35 फीसद वाहन मालिक के जुर्माना भुगतने नहीं पहुंचने के कारण एक तरफ जहां सरकारी खजाना को हजारों रुपये का आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। वहीं इतनी भारी संख्या में विभाग में पड़े चालानों के साथ वाहन मालिकों के दस्तावेज संभालना भी कर्मचारियों के लिए चुनौती से कम नहीं है। डीटीओ डॉ. दीपक भाटिया ने बताया कि चालान न भुगतने की वजह से समस्या तो जरूर खड़ी हुई है। समाधान करने के लिए डिफाल्टर की सूची तैयार करवाई जा रही है। चालान न भुगतने वाले डिफाल्टर की संख्या करीब 8 हजार से ऊपर पहुंच चुकी है। ये वे लोग हैं, जिन्होंने पिछले छह महीने बीत जाने के बाद भी जुर्माना नहीं भरा।
डीटीओ मानते हैं कि कई बार व्यक्ति का जुर्माना तीन चार व पांच हजार रुपये तक का होता है। ऐसे में व्यक्ति चालान भुगतने में आनाकानी का रवैया अपनाता है। ऐसा व्यक्ति बीच का रास्ता निकलते हुए डुप्लीकेट आरसी एवं डीएल बना लेता है। इस प्रकार की शिकायत मिलने के बाद ही ऐसे वाहन चालकों की सूची तैयार करने की योजना बना जा रही है। गौरतलब है कि डुप्लीकेट ड्राइ¨वग लाइसेंस डीएल बनवाने के लिए 270 रुपये सरकारी फीस देनी होती है और आरसी यानि वाहन रजिस्ट्रेशन कॉपी बनवाने के लिए 570 रुपये देने के बाद डुप्लीकेट आरसी मिल जाती है।