पुलिस हिरासत में शराब तस्करी के आरोपित नौजवान की मौत, परिजनों ने लगाया धरना
पातड़ां (पटियाला) गांव भूतगढ़ से नाजायज शराब बेचने के आरोपों के अंतर्गत गिरफ्तार व्यक्ति की पुलिस रिमांड के दौरान मौत हो गई।
जेएनएन, पातड़ां (पटियाला) : गांव भूतगढ़ से नाजायज शराब बेचने के आरोपों के अंतर्गत गिरफ्तार व्यक्ति की पुलिस रिमांड के दौरान मौत हो गई। परिवार जहां संबंधित व्यक्ति बीरबल सिंह (32) की मौत के लिए पुलिस द्वारा अमानवीय ढंग से की गई मारपीट को जिम्मेदार ठहरा रहा है। वहीं, पुलिस ने उक्त युवक की हालत अचानक बिगड़ने को मौत का कारण बता रही है। मृतक के भाई पवन कुमार ने बताया कि इस संबंध में उन्होंने अदालत की शरण ली, तो इस मामले में अब सिविल जज जांच कर रही हैं।
घटना वीरवार देर रात की है, जब बीमार हुए बीरबल सिंह को पुलिस मुलाजिम पातड़ां के अस्पताल लेकर गए, परंतु उसकी हालत बिगड़ती देख राजिदरा अस्पताल पटियाला रेफर कर दिया गया, जहां उसकी मौत हो गई। वीरवार देर रात घटी इस घटना के बाद पारिवारिक सदस्यों को बीरबल की हुई मौत संबंधित जानकारी देने गए पुलिस मुलाजिमों को गांववालों ने घेर लिया। इन पुलिस मुलाजिमों को आधी रात बाद पातड़ां के थाना प्रमुख गुरदेव सिंह जाकर छुड़वा कर थाने लाए। इसके बाद मृतक के पारिवारिक सदस्यों ने विभिन्न जत्थेबंदियों के सहयोग से थाने का घेराव किया। साथ ही इंसाफ मिलने तक शव का संस्कार न करने का एलान कर दिया। इस दौरान डीएससी पातड़ां भरपूर सिंह ने हालांकि मृतक के वारिसों और धरनाकारियों को मनाने का प्रयास किया, परंतु उनकी सभी कोशिशें असफल रहीं। सिविल जज करेंगे मामले की जांच
दूसरी तरफ इस मामले की जांच सिविल जज समाना रमनदीप कौर ने शुरू कर दी है। बीरबल सिंह का पोस्टमार्टम आज सुबह होगा। इसके साथ ही पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी करवायी जाएगी। अवैध शराब मामले में किया था गिरफ्तार
धरने में शामिल मृतक के भाई पवन सिंह ने बताया कि तीन अगस्त को पुलिस ने मृतक बीरबल सिंह को 24 बोतलें अवैध शराब के मामले में गिरफ्तार किया था। जिसके बाद अदालत में पेश करके रिमांड हासिल किया था। इस दौरान वीरवार देर शाम उसकी अचानक तबीयत बिगड़ गई। जिसके बाद उसे नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसे राजिदरा अस्पताल रेफर कर दिया गया और वहीं उसकी मौत हो गई। मृतक के परिवार में दिव्यांग पत्नी व पांच बच्चे
धरने में शामिल हुई जत्थेबंदियों के नेताओं कलवंत सिंह मौलवीवाला, हरभजन सिंह बुट्टर, जगजीत सिंह दुगाल, रामचंद चुनागरा, साहिब सिंह दुताल और सरपंच करनैल सिंह बताया है कि बीरबल सिंह पांच बच्चों का बाप था। उसकी पत्नी दिव्यांग है। उसकी मौत के बाद से परिवार का गुजारा चलना मुश्किल हो गया। इसलिए उसके परिवार को 25 लाख रुपये और बेरोजगारी भत्ता पच्चीस हजार रुपये महीना दिया जाए। जत्थेबंदियों ने एलान किया है कि परिवार को सहायता मिलने तक और पुलिस मुलाजिमों को बर्खास्त किए जाने तक मृतक का संस्कार नहीं किया जाएगा। शनिवार से थाने के आगे अनिश्चितकालीन धरना लगाने का ऐलान भी किया।
कोट्स
परिवार द्वारा लगाए जा रहे आरोप बेबुनियाद : थाना प्रमुख
मामले से संबंधित थाना प्रमुख पातड़ां इंस्पेक्टर गुरदेव सिंह ने बताया कि भूतगढ़ के बीरबल सिंह को पुलिस ने शराब तस्करी के आरोपों में गिरफ्तार किया था। उन्होंने परिवार की तरफ से नाजायज मारपीट करने के आरोपों को नकारते कहा कि ऐसा कुछ नहीं हुआ। तबीयत अचानक बिगड़ने के कारण बीरबल सिंह की मौत हुई है।