शवों की अदला-बदली मामले में बनी कमेटी, जांच रही टैगिग क्यों नहीं हुई
पटियाला राजिदरा अस्पताल में कोरोना पीड़ित का शव एक अन्य मरीज के शव से अदला-बदली किए जाने के मामले में सरकारी मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय जांच कमेटी बना दी है।
जागरण संवाददाता, पटियाला : राजिदरा अस्पताल में कोरोना पीड़ित का शव एक अन्य मरीज के शव से अदला-बदली किए जाने के मामले में सरकारी मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय जांच कमेटी बना दी है। इसमें ऑर्थोपेडिक्स डिपार्टमेंट हेड डॉ. केएस संधू और डिप्टी मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. विनोद डंगवाल को शामिल किया गया है।
जांच कमेटी ने अस्पताल स्टाफ से पूछताछ शुरू कर दी है। इसके तहत वीरवार को जहां राजिदरा अस्पताल स्टाफ के तीन सदस्यों से पूछताछ हुई। डॉ. केएस संधू ने बताया कि मामले में लुधियाना के मृतक का बेटा स्वीकार कर चुका है कि पहचान में उससे गलती हुई है, लेकिन सवाल यह है कि आखिर शवों पर टैग क्यों नहीं लगाया गया। इसकी जांच जारी है। जिसके मद्देनजर जांच कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है। इसके साथ ही इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी संबंधी रिपोर्ट हायर अथॉरिटी के पास भेजी जाएगी, जिसके बाद अगला एक्शन हायर अथॉरिटी ही लेगी। उन्होंने कहा कि कोरोना के मौत के मामलों में रोजाना बढ़ोतरी हो रही है, इसलिए जरूरी है कि कर्मचारी भी इसके लिए सतर्कता बरतें और शव की सही तरीके से टैगिग करें, ताकि ऐसी गलती दोबारा ना हो।
बुधवार को राजिदरा अस्पताल में कोरोना पॉजिटिव एक मृतक का शव एक अन्य मरीज के शव से बदल गया था। ये शव लुधियाना के इंद्रजीत सिंह और धूरी के बलागर सिंह के हैं। 62 वर्षीय इंद्रजीत सिंह का शव लुधियाना भेजा जाना था, लेकिन उसकी जगह बलागर सिंह का शव भेज दिया गया था, जिसे धूरी भेजा जाना था। हालांकि मृतक के बेटे गुरिदर सिंह से शव की पहचान करवा तीन जगह हस्ताक्षर भी करवाए गए थे, लेकिन टैग न होने के कारण दूसरा शव सौंप दिया गया।