Move to Jagran APP

अहंकार व्यक्ति के ऊपर बैठता है: स्वामी हरिचेतनानंद

श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन शनिवार को व्यासपीठ से स्वामी हरिचेतनानंद हरिद्वार वालों ने कहा कि अहंकार सबसे ऊपर बैठता है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 21 Sep 2019 11:17 PM (IST)Updated: Sat, 21 Sep 2019 11:17 PM (IST)
अहंकार व्यक्ति के ऊपर बैठता है: स्वामी हरिचेतनानंद
अहंकार व्यक्ति के ऊपर बैठता है: स्वामी हरिचेतनानंद

जेएनएन, नाभा, पटियाला : श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन शनिवार को व्यासपीठ से स्वामी हरिचेतनानंद हरिद्वार वालों ने कहा कि अहंकार सबसे ऊपर बैठता है। स्वामी ने रुकमणि मंगल की रोचक कथा में कहा की श्री कृष्ण ने रुकमणि की शिशुपाल से रक्षा की। आर्य नारी का सम्मान किया, नारी नारायणी है। कन्या धन श्रेष्ठ धन है। आज देश में बेटी को गर्भ में नष्ट किया जा रहा है और यह सबसे बड़ा अपराध है। रुकमणि मंगल तभी हो सकता है जब कन्या की रक्षा का संकल्प लेंगे। अहंकारी व्यक्ति अपने को सबसे श्रेष्ठ मानता है। कंस, जरासंध को यही रोग था, यही दोष था। समुद्र का फन बहुत हल्का होता है पर समुद्र के ऊपर बैठता है, जल के ऊपर तैरता है नीचे नहीं जाता। उसी प्रकार अहंकार भी व्यक्ति के ऊपर बैठता है और सामने वाले का सबसे छोटा समझता है, यही भूल कंस ने की और भगवान श्री कृष्ण ने कंस का वध किया। उस काल में गलत लोगों के संगठन बने थे, आज समाज में अच्छा वातावरण बनाने की आवश्यकता है। समाज का संगठन राष्ट्र को मजबूत करता है। इस मौके पर मंडल के अशोक जिदिया, अशोक जिदल काला, सुभाष गर्ग, सुशील जैन, पवन कुमार, साधुराम शर्मा, राजिदर जिदल, नरिदर कुमार समेत कई श्रद्धालु उपस्थित रहे।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.