आठ बैंक खातों का इस्तेमाल कर तीन एटीएम से निकाले थे 35 लाख
पटियाला एटीएम से पैसे निकालने के लिए कार्ड व पासवर्ड डालने के बाद मशीन से इस कदर छेड़छाड़ हुई कि पैसे एटीएम से तो निकल गए लेकिन खाते से नहीं कटे।
जागरण संवाददाता, पटियाला : एटीएम से पैसे निकालने के लिए कार्ड व पासवर्ड डालने के बाद मशीन से इस कदर छेड़छाड़ हुई कि पैसे एटीएम से तो निकल गए, लेकिन खाते से नहीं कटे। पुलिस व बैंक स्टाफ ने इस धोखाधड़ी का सुराग तो लगा लिया, लेकिन अभी तक यह क्लियर नहीं कर पाए हैं कि मशीन से छेड़खानी कैसे हुई है। पुलिस व बैंक रिकॉर्ड के अनुसार पासवर्ड लगाने के बाद आरोपित कैश की गिनती पूरी होने के बाद पैसा बाहर निकलते समय तारों व मशीन के कैश निकासी बॉक्स से छेड़खानी करता था। आरोपित ने आठ बैंक अकाउंट का इस्तेमाल कर तीन एटीएम मशीनों में दस से अधिक ट्रांजेक्शन की हैं। मामले का पता तब चला जब एक साल पूरा होने के बाद एटीएम में कैश डालने वाली ब्रांच ने रिकॉर्ड में कैश कम पाया और 35 लाख का अंतर मिला। इसके बाद जुलाई 2019 को पुलिस से तालमेल करने के बाद ब्रांच मैनेजर विक्रमजीत सिंह ने एसएसपी पटियाला को अगस्त 2019 को लिखित शिकायत की।
साइबर क्राइम टीम व बैंक स्टाफ ने मिलकर पहचाना आरोपित
केस हल करने के लिए पुलिस ने साइबर क्राइम सेल की मदद ली, जिसके बाद बैंक प्रबंधकों से रिकॉर्ड मांगा गया। बैंक द्वारा तीनों एटीएम का रिकॉर्ड खंगाला गया और पूरे दिन के ट्रांजेक्शन का रिकॉर्ड चेक किया गया। बैंक स्टाफ ने दिन-रात कर डिटेल्स का मिलान किया। बैंक में एटीएम कार्ड डालने के बाद कैश के लिए ट्रांजेक्शन होने के बाद निकाले गए पैसों के बैंक खातों का मिलान किया गया। इस दौरान पाया कि अन्य बैंक खातों की डिटेल्स व लिक एसबीआइ को मिले थे, जिन्होंने पैसे निकालने की ट्रांजेक्शन की थी। सिर्फ एक आरोपित विशाल सिंह निवासी खापरेला बाजार चकसेनपुर, बीकापुर, फैजाबाद (यूपी) नामक कार्ड धारक था, जिसने पैसे तो निकाले, लेकिन उसके खाते से पैसे नहीं निकले।
आरोपित की गिरफ्तारी के बाद मिल पाएगी पूरी जानकारी : सुखदेव सिंह
थाना कोतवाली इंचार्ज सुखदेव सिंह ने कहा कि साइबर क्राइम सेल, बैंक स्टाफ की संयुक्त जांच में अभी तक आरोपित की पहचान ही कर पाए हैं। 35 लाख रुपये तीन एटीएम से निकालने वाले आरोपित की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम बनाई है, जो यूपी जाकर छापेमारी करेगी। एक ही व्यक्ति के आठ बैंक अकाउंट इस्तेमाल हुए हैं। इसकी गिरफ्तारी के बाद ही ठगी की पूरी जानकारी मिल पाएगी।