गाजीपुर गोशाला में न डॉक्टर और न ही चारा, 13 पशुओं की मौत
सरकारी गोशाला गाजीपुर में पशुओं के चारा डॉक्टर और देखरेख करने के लिए मजदूर न होने के कारण 24 घंटे में 13 पशुओं की मौत हो चुकी है।
जेएनएन. पटियाला : सरकारी गोशाला गाजीपुर में पशुओं के चारा, डॉक्टर और देखरेख करने के लिए मजदूर न होने के कारण 24 घंटे में 13 पशुओं की मौत हो चुकी है। वहीं प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि गोसाला के पास अपनी जमीन है, लेकिन मजदूर न होने के कारण चारा तैयार नहीं हो पा रहा है। गोशाला बनने के बाद से ही जिला प्रशासन की ओर से रखरखाव और अन्य कामों के लिए किसी कर्मचारी को तैनात नहीं किया गया। हिदू जत्थेबंदियों और स्थानीय समाजसेवियों के सहयोग से ही गोशाला चलाई जा रही है।
गाजीपुर में सरकार की ओर से बेसहारा पशुओं को रखने के लिए गोशाला का निर्माण करवाया है। जिले के अधीन आती गोशाला में इस समय 850 गाय और बैल हैं, लेकिन पिछले 24 घंटे में 13 पशुओं की मौत हो चुकी है। जबकि आधा दर्जन की हालत गंभीर है।
शिवसेना हिदुस्तान के पंजाब महासचिव विशाल जिदल ने कहा कि प्रशासन बेखबर है। पशुओं की देखभाल के लिए एक भी मजदूर नहीं हैं। साथ ही इलाज के लिए डॉक्टर, पशुओं के लिए चारा नहीं। सरकार को इसके लिए मुकम्मल प्रबंध करने चाहिए ताकि इन पशुओं की देखभाल हो सके। महासचिव विशाल जिदल ने कहा गोशाला शुरू से ही प्रशासन की अनदेखी का शिकार है। यहां पशुओं का मरना आम बात है। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन नहीं जागा तो आंदोलन किया जाएगा।
एसडीएम से मंजूरी लेकर करेंगे कर्मचारी तैनात : तहसीलदार
तहसीलदार संदीप सिंह ने कहा कि डॉक्टरों की तैनाती और हरे चारे के प्रबंध के लिए एसडीएम से बात करेंगे। गोशाला में मजदूरों की कमी को जल्द पूरा किया जाएगा। इसके अलावा एक नए शैड का निर्माण करवाया जा रहा है ताकि सर्दी से पशुओं का बचाव हो सके।