चेयरमैन को लेकर हाजिरी लगानी शुरू
जिला परिषद और ब्लॉक समिति चुनाव में मिली सफलता के बाद विजेता उम्मीदवारों ने आकाओं के घर हाजिरी लगाना शुरू कर दी है। संभवता अगले महीने तक इस पर फैसला हो जाना है।
जिला परिषद और ब्लॉक समिति चुनाव में मिली सफलता के बाद विजेता उम्मीदवारों ने आकाओं के घर हाजिरी लगाना शुरू कर दी है। संभवता अगले महीने तक इस पर फैसला हो जाना है। जीतने वाले नेताओं की नजरे अब चेयरमैन पर टिकी हुई हैं जिसे वह हर हाल में भुनाना चाहते हैं। जिप का चेयरमैन भोआ हलके को मिलने की संभावना हैं क्योंकि कुल दस सीटों में से पांच सीटें उसके खाते में हैं ओर सभी पर उन्होंने जीत का परचम लहराया है। इसीलिए जिप की चेयरमैन पर भोआ हलके का दावा मुख्य रुप से रहेगा। लोकी क¨हदे ने की चेयरमैन तो उसे ही मिलनी है जिस पर हलके का प्रतिनिधित्व करने वाले नेता का हाथ होगा। अब देखना यह है कि नेता जी का आर्शीवाद किसे मिलता है ओर किसके सिर जिप की चेयरमैनी सजती है।
जीत का क्रम जारी, नेता गदगद
पिछले वर्ष विधान सभा चुनाव में मिली जीत के बाद सत्ताधारी दल के जीत का क्रम जारी है। विधान सभा चुनाव जीतने के बाद पार्टी ने पिछले वर्ष पहले लोक सभा उप चुनाव जीता, उसके बाद नरोट मेहरा नगर पंचायत जीती ओर अब जिला परिषद व ब्लाक समितियां जीतने के बाद पार्टी के नेता गदगद हो गए हैं। नेताओं का कहना है कि जनता पूर्व सरकार से कितनी दुखी थी इसकी जीती जागती उदाहरण देखने को मिल रही है कि एक के बाद एक चुनाव में उन्हें सफलता मिल रही है। नेताओं का कहना है कि पंचायत चुनाव में भी जनता उन्हीें को जनादेश देगी।
मेयर-कमिश्नर ने लगाए आरोप-प्रत्यारोप
नगर निगम की कार्यप्रणाली को लेकर नगर पिता की ओर से निगम के प्रशासनिक अधिकारी पर सरकार के दबाव में काम करने का आरोप लगाया। नगर पिता ने बकायदा अपने कारपोरेटरों के साथ बैठ मीडिया के समक्ष प्रशासनिक अधिकारी पर आरोप लगाया कि उनकी डयूटी निगम में भी बैठने की है परंतु वह नहीं आते। कई बार उन्होंने माना कि वह रुटीन में बैठेंगे लेकिन नहीं आए। नगर पिता ने कहा कि उनके न बैठने से कई काम बाधित होते हैं। निगम के प्रशासनिक अधिकारी का कहना था कि शहर के विकास को लेकर वह खुद तो हाउस की मी¨टग नहीं करते ओर उन्हें बिना वजह इस मसले में घसीट रहे हैं। उनका यह कदम उचित नहीं है ओर इस मसले पर वह संबंधित विभाग ओर सरकार को अपनी रिपोर्ट भेजेंगे।
चलते-चलते
जिला परिषद और ब्लॉक समिति चुनाव में मिली जीत को यहां सत्ताधारी दल जनता की ओर से दिया गया फतवा बता रहा है, वहीं विपक्षी दल के नेता इसे सरकारी तंत्र के उपयोग से जीत बता रहे हैं। प्रमुख दलों की ओर से एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं। खैर कुछ भी हो स्थिती पूरी तरह से क्लीयर हो चुकी है हर तरफ सत्ता पक्ष का दबदबा है।