कब बनेगी कांग्रेस की जिला कार्यकारिणी
चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस ने अपना जिला प्रधान बदल दिया था ताकि नई उर्जा के साथ कार्यकर्ताओं मे जोश भरा जा सके।
चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस ने अपना जिला प्रधान बदल दिया था ताकि नई उर्जा के साथ कार्यकर्ताओं मे जोश भरा जा सके। प्रधान जी को भी सीट पर बैठे दो माह के करीब का समय हो गया है परंतु अभी तक वह अपनी कार्यकारिणी का गठन ही नहीं कर पाए। कार्यकारिणी घोषित न किए जाने की वजह से नेताओं ने भी सक्रियता से काम करना कम कर दिया है ओर वह भी बड़ी बेसब्री से कार्यकारिणी के गठन का इंतजार कर रहे हैं। लोकी कहिदे ने कि पुराने पदाधिकारी इसलिए शांत होकर बैठ गए हैं कि पता नहीं नए प्रधान जी उन्हें अपनी कार्यकारिणी में लेते हैं कि नहीं। लोकी कहिदे ने कि चुनाव शुरु है ओर नेता जी ने अभी तक अपनी कार्यकारिणी ही घोषित नहीं की है। क्या नेता जी चुनाव के बाद अपनी कार्यकारिणी घोषित करेंगे।
कौन है भाजपा उम्मीदवार सस्पेंस बरकरार
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने संसदीय हलके से अपने उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतार दिए हैं परंतु भाजपा की ओर से अभी तक अपने उम्मीदवार के नाम का एलान नहीं किया है। हालांकि, नामांकन भरने में अभी पंद्रह दिन का समय शेष है परंतु बावजूद उसके पार्टी अभी तक अपने उम्मीदवार का नाम फाइनल नहीं कर पाई है। उम्मीदवार को लेकर बाजार गर्म है ओर रोजाना नए- नए नाम सुनने को मिल रहे हैं। कभी सिने अभिनेता अक्षय कुमार का नाम जुड़ जाता है तो कभी सन्नी दिओल का नाम सुनने को मिल रहा है। जबकि, टिकट के मुख्य दावेदार अपनी-अपनी सीट पक्की के दावे कर रहे हैं। लोकी कहिदे ने जितने नाम लिए जा रहे उनमें किसी को टिकट नहीं मिलेगी। पार्टी कोई ऐसा चेहरा मैदान में उतार देगी जिसके बारे में किसी ने सोचा तक नहीं होगा। फिलहाल, मार्केट में भाजपा के उम्मीदवार को लेकर सस्पेंस पूरी तरह से बरकरार है।
उम्मीदवार तय नहीं, शुभकामनाओं का दौर तेज
भाजपा की ओर से अभी गुरदासपुर के लिए उम्मीदवार घोषित नहीं किया है परंतु टिकट की रेस में लगे नेताओं को उनके शुभचितकों ने बेस्ट आफ लक्क के संदेश भेजने का काम तेज कर दिया है। कभी फेस बुक तो कभी व्हटसएप ग्रुपों के जरिए नेताओं के समर्थक अपनी सीट पक्की है की बातें कर रहे हैं। नेता भी अपनी-अपनी सीट पक्की होने के दावे कर रहे हैं लेकिन, यह तो समय ही बताएगा कि पार्टी किनके नाम पर मुहर लगाती है। लोकी कहिदे ने की कहीं ऐसा न हो कि पार्टी किसी सेलिब्रिटी को उम्मीदवार बना दे ओर समर्थकों की विश की अविश ही न रह जाए।
पेचवर्क लगा पौंछे जा रहे आंसू
शहर की सड़कों का हाल-बेहाल है। बाहर से आने वाले लोग जब शहर में प्रवेश करते हैं तो सड़कों की खस्ता हालत देख कर कई प्रकार की बातें करते हैं। लोगों में रोष बढ़ने लगा तो जिला प्रशासन ने पहले काठ वाला पुल से डीएसी तक गड्ढों में तबदील हो चुकी सड़क पर मिट्टी व बजरी डलवाकर समाधान किया। इसके बाद शहर की मुख्य सड़कों पर पैचवर्क करवाकर लोगों के आंसू पौंछे। लोकी कहिदे ने कि पहले ते सड़का ही नहीं बनदिया अगर बनन लगियां ते आचार संहिता ने पंगा पा दित्ता। लोकी कहिदे ने की जल्दी-जल्दी चुनाव संपन्न हो ताकि सड़कों के साथ-साथ बाकी रुके काम भी पूरे हो। - विनोद कुमार।