शहीद कमलजीत सिंह का श्रद्धांजलि समारोह आज
बीएसएफ की 20 बटालियन के वायरलेस आपरेटर नायक कमलजीत सिंह ने 1971 के भारत-पाक युद्ध में पाक सेना को धूल चटाते हुए अपना नाम शहीदों में दर्ज करवा लिया था।
संवाद सहयोगी, बमियाल : बीएसएफ की 20 बटालियन के वायरलेस आपरेटर नायक कमलजीत सिंह ने 1971 के भारत-पाक युद्ध में पाक सेना को धूल चटाते हुए अपना नाम शहीदों में दर्ज करवा लिया था। शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविदर सिंह विक्की ने बताया कि कमलजीत सिंह का जन्म 18 जुलाई 1945 को अमृतसर में हुआ था। चार दिसंबर 1971 को भारत-पाक युद्ध के दौरान इनकी ड्यूटी भारत-पाक सीमा की जीरो लाइन पर स्थित बीएसएफ की सिंबल पोस्ट पर थी, जिस पर पाक सेना ने हमला बोल दिया। पोस्ट पर बीएसएफ जवानों की संख्या कम थी और पाक सेना की पूरी बटालियन थी। वायरलेस आपरेटर कमलजीत सिंह ने अपने साथियों सहित पाक सेना का कड़ा मुकाबला किया, मगर पाक सैनिकों की ज्यादा संख्या होने के कारण इस पोस्ट के जवानों ने पोस्ट छोड़ने का फैसला कर लिया, मगर नायक कमलजीत सिंह ने पोस्ट छोड़ने से इन्कार करते हुए कहा कि जिसने जाना है तो जाये, मगर मैं अंतिम गोली व आखिरी सांस तक पाक सेना का मुकाबला करेगा। कमलजीत अकेला ही पाक सेना से जूझते रहे व साथ ही हेड क्वार्टर गुरदासपुर सूचना भेजते रहे। काफी समय तक उसने अपनी बहादुरी दिखाते हुए पाक सेना को रोककर रखा। मगर नायक कमलजीत सिंह ज्यादा समय पाक सेना के सामने टिक नहीं पाया। पाक सेना ने उन्हें बंदी बनाकर अपने साथ ले गई व उसका सिर कलम कर सिबल पोस्ट पर बेरी के पेड़ पर लटका दिया। इस तरह कमलजीत सिंह ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए सिबल पोस्ट व गांव वासियों के प्राणों को बचाते हुए अपना बलिदान दे दिया। इस वीर योद्धा की शहादत को नमन करने के लिए चार दिसंबर को बीएसएफ की सिबल पोस्ट पर शहीद की याद में बने स्मारक पर एक श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया जा रहा है। इसमें कई गणमान्य लोग व बीएसएफ के अधिकारी शामिल होकर इस वीर योद्धा को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगे।