हिदू बैंक के डिफाल्टरों की प्रॉपर्टी होगी नीलाम
350 करोड़ रुपये की जमा पूंजी 90 हजार खाता धारकों और 15 हजार शेयर होल्डर वाले द हिदू को-ऑपरेटिव बैंक को वित्तीय संकट से बाहर निकालने के लिए अब एक बार फिर डिफाल्टरों की प्रॉपर्टियां नीलाम की जाएगी।
संवाद सहयोगी, पठानकोट : 350 करोड़ रुपये की जमा पूंजी, 90 हजार खाता धारकों और 15 हजार शेयर होल्डर वाले द हिदू को-ऑपरेटिव बैंक को वित्तीय संकट से बाहर निकालने के लिए अब एक बार फिर डिफाल्टरों की प्रॉपर्टियां नीलाम की जाएगी। इनमें से कुछेक प्रॉपर्टियों की नीलामी के लिए बोली रखी गई थी, परंतु इनके रेट काफी ज्यादा होने के कारण कोई खरीदार नहीं मिला था। इस बार बैंक प्रबंधन ने दस डिफाल्टरों की प्रॉपर्टियों को नीलाम करने से पहले इसकी कब्जा सूचना, सैंबोलिक प्रोजेसन (प्रतिकात्मक कब्जा)संबंधी हिदायतें जारी कर दी है। इस प्रक्रिया के पूरा होते ही संभवत आगामी माह किसी भी दिन इन प्रॉपर्टियों को नीलाम करने की घोषणा जारी कर दी जाएगी। यदि ये प्रॉपर्टियां आगामी माह सेल हो जाती है तो बैंक की रिकवरी पचास करोड़ से अधिक हो जाएगी।
38 करोड़ रुपये से अधिक राशि की पहले ही रिकवर कर चुका है बैंक प्रबंधन
विगत कई वर्षों से 150 के करीब डिफाल्टरों की ओर से बैंक के 80 करोड़ रुपये का दबाए गए थे। इस लोन के रिकवर न होने के कारण ही आज बैंक के यह हालात बने हैं वहीं अब इसकी भरपाई करना भी प्रबंधन के लिए टेढ़ी खीर के सामान है। बैंक प्रबंधन पर करीब डेढ़ साल पहले लगी पाबंदी और उसके बाद बैंक कर्मचारियों की ओर से दिन-रात की गई मेहनत से बैंक ने अभी तक 38 करोड़ रुपये के करीब पैसा एकत्र कर लिया गया है। इसके बाद कुछेक बड़े डिफाल्टरों की ओर से गिरफ्तारी से बचने के लिए हाई कोर्ट का आश्रय ले लिया गया, जिस कारण इसकी रिकवरी की तीव्रता में थोड़ी कमी आई। बैंक अब इन डिफाल्टरों को चेतावनी देने के बाद अब इनकी प्रॉपर्टियां नीलाम करने जा रहा है। यदि इन प्रॉपर्टियों से बैंक को अच्छे पैसे मिल गए तो बैंक एनपीए का पचास प्रतिशत से अधिक रिकवर कर जाएगा।
डिफाल्टरों में 10 से ज्यादा लोन राजनीतिक लोगों के पेंडिग
हिदू बैंक को इस स्थिति में पहुंचाने में जिला भर के कुछेक राजनीतिज्ञ लोग भी शामिल हैं। उनकी ओर से बैंक से लोन तो ले लिया, परंतु अब वापस करने में आनाकानी कर रहे हैं। लोन डिफाल्टरों से रिकवरी करना इसलिए भी मुश्किल लग रहा है। बैंक पर करीब 80 करोड़ रुपये का रिकवरी का बोझ है, जो डिफाल्टरों से लेना है। इनमें से 50 करोड़ से ज्यादा लोन ऐसे लोगों का है जो राजनीतिक दलों से संबंध रखते हैं। इसमें भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के कई बड़े और रसूख वाले नेता भी शामिल हैं। इसके अलावा बड़े उद्योगपति घराने जो हर राजनीति पार्टी के साथ अच्छे संबंध रखते हैं उनके नाम भी डिफाल्टरों में शामिल हैं। परंतु इस बार जिला प्रशासन तथा सहकारिता मंत्री पहले ही स्पष्ट कर चुके है कि बैंक के किसी भी डिफाल्टर को बख्शा नहीं जाएगा, भले ही वह किसी भी राजनीतिक पार्टी से संबंधित हो।
बैंक जल्द ही अपने पांव पर आ जाएगा- सीइओ अमन मेहता
सीइओ अमन मेहता ने कहा कि बैंक जल्द ही अपने पांव पर आ जाएगा। पठानकोट के विधायक अमित विज, सहकारिता मंत्री सुखजिद्र सिंह रंधावा तथा जिला प्रशासन लगातार बैंक को बचाने के लिए प्रयासरत हैं। बैंक के खर्चे भी कम किये गए हैं। बैंक प्रबंधन तथा उक्त पदाधिकारी लगातार आरबीआइ से बैठकें कर रहे हैं, संभवत: जल्द ही बैंक अपने पांव पर आ जाएगा।