आपके घर बजेगी घंटी : अपने परिवार, मकान, आर्थिक स्थिति और सुविधाओं की जानकारी दें
जिले के लोगों की आर्थिक स्थिति को जांचने का सर्वे शुरू हो गया है।
विनोद कुमार, पठानकोट : जिले के लोगों की आर्थिक स्थिति को जांचने का सर्वे शुरू हो गया है। भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ स्टेटिक्स (आंकड़ा) एंड प्रोग्राम इंपलीटेशन के बैनर तले शुरू हुए सातवीं आर्थिक गणना के काम को एक माह के भीतर पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिले में इसकी जिम्मेवारी कॉमन सर्विस सेंटर सोसायटी को दी गई है। सोसायटी के 150 वॉलंटियर अगले एक महीने तक जिले के प्रत्येक घर, छोटी दुकान से लेकर बड़ी फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारियों का डाटा एकत्र करेंगे। मोबाइल एप के जरिये डाटा को भारत सरकार तक भेजा जोगा। सर्वे के दौरान यह आंकड़ा भी सामने आएगा कि कितने लोग केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं ओर कितने नहीं। क्या वास्तव में लाभ उठा रहे इसके हकदार भी हैं कि नहीं पर केंद्र सरकार अपने मापदंड तय करेगी।
देश की आजादी के बाद भारत सरकार की ओर से यह सातवीं आर्थिक गणना का सर्वे करवाया जा रहा है। इससे पूर्व 8 साल पहले आर्थिक गणना का सर्वे करवाया गया था। इसका उद्देश्य यह होता है कि हमारा गांव, शहर व जिला कितना विकसित था और आज कितना विकसित हो गया है। जनसंख्या से लेकर सभी प्रकार के कार्यो की जानकारी मिलेगी जिससे जिले के विकास की स्थिति भी साफ हो जाएगी। ड्रैस कोड में सर्वे करने पहुंचेंगे वॉलंटियर
सर्वे करने वाली टीम को केंद्र सरकार के आंकड़ा विभाग की ओर से जारी किए पत्र की कॉपी साथ रहेगी। बिना किसी अवकाश के वॉलंटियर सुबह रोजाना नौ से लेकर सायं 5 बजे तक सर्वे का काम करेंगे। सर्व प्रथम टीम के सदस्य घर के मालिक को अपना परिचय देंगे। सोसायटी की ओर से वालंटियरों को एक टोपी, टी-शर्ट व पहचान पत्र दिया गया है ताकि सर्वे करते वक्त लोगों को परेशानियों का सामना न करना पड़े। एक माह के दौरान वॉलंटियर पठानकोट व सुजानपुर सहित जिले के सभी 421 गांवों का सर्वे करेंगे। हर व्यक्ति का दर्ज होगा पूरा ब्यौरा
कॉमन सर्विस सेंटर सोसायटी प्रधान अनुज शर्मा का कहना है कि सातवीं आर्थिक गणना का काम शुरू हो गया है। एक महीने के भीतर जिले में सर्वे का काम पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिस कारण आने वाले दिनों में काम तेजी पकड़ लेगा। अनुज शर्मा ने बताया कि प्रत्येक घर को कवर करने के अलावा छोटी-सी छोटी दुकान व बड़ी से बड़ी फैक्ट्री में टीमें जाएंगी ओर हरेक कर्मचारी व अधिकारी का पूरा सर्वे होगा। सर्वे के बाद जिला की कुल संख्या, कितने लोग सरकारी अथवा प्राईवेट काम करते हैं। कितने पढ़े लिखे, कितने अनपढ़ व कितने लोग सरकार की ओर से चलाई जा रही सुविधाओं का लाभ उठा रहे आदि का पूरा डाटा तैयार हो जाएगा। पेपर लेस है सर्वे
टीम के सदस्यों ने बताया कि सर्वे पेपर लेस होगा। मोबाइल में उसी समय सारा डाटा फीड हो जाता जो मुख्य सर्बर से कनेक्ट होगा। इसमें गलती की कोई गुजांइश नहीं है। इससे दो फायदे हैं एक तो सारा डाटा क्लीयर दूसरा पेपर लैस काम। उन्होंने बताया कि टीमें रोजाना अलग-अलग एरिया में मोबाइल एप के जरिये जानकारी लेंगी। हर परिवार के लोगों को घर के कुल सदस्यों की जानकारी देनी होगी। उन्हें बताना होगा कि कितने सदस्य सरकारी व प्राइवेट जॉब करते हैं, मकान अपना है कि किराए पर, घर में कितने व्हीकल हैं, परिवार के कितनों को सरकार की ओर से सुविधाए मिल रही है, वह अपनी जीविका कैसे चलाते हैं और अन्य क्या सुविधाएं मिलती हैं। लघु उद्योग को मिलेगा बढ़ावा
सर्वे टीम की माने तो सही प्रकार से सरकारी आंकड़ें न मिल पाने की वजह से सरकार यह तय नहीं कर पाती कि किस जिला अथवा शहर को किस तरह से विकसित करना है। सर्वे के दौरान सारी स्थिति सामने आ जाएगी कि किस क्षेत्र में कितना लघु व हैवी उद्योग विकसित है। रोजगार के नए संसाधन खोजने में सर्वे की अहम भूमिका रहेगी और इसी के आधार पर केंद्र सरकार लघु उद्योग को प्रोत्साहित करेगी। 150 टीमें देंगी जिले की रिपोर्ट
कॉमन सर्विस सेंटर सोसायटी प्रधान अनुज शर्मा ने बताया कि पठानकोट जिले की आर्थिक आधार पर गणना करने का कार्य शुरू हो गया है। डीसी रामबीर ने अपने कार्यालय में एक सादे समारोह के दौरान सर्वे करने के काम को हरी झंडी देकर रवाना किया। सर्वे का काम पूरा करने के लिए 150 वॉलंटियर चयनित किए गए हैं। सर्वे टीमे प्रत्येक घर, दुकानदार से लेकर बड़ी फैक्ट्ररी में काम करने वाले हरेक कर्मचारी व हर वर्ग की आर्थिक स्थिति की रिर्पोट तैयार करेगी। उक्त रिर्पोट को आगे भारत सरकार के आंकड़ा विभाग के पास भेजा जाएगा उसी के आधार पर जिला को किस तरह ग्रांट देनी है, उघोग को कैसे बढ़ावा देना है आदि की योजनाएं तैयार होंगी।