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मेयर के नाम पर फंसा पेंच, महाजन वोट बैंक लाडी के पास तो भाटिया व बडैहरा पुराने हैं कार्यकत्र्ता

प्रदेशभर के अधिकतर जिलों में मेयर का चुनाव हो गया लेकिन पठानकोट व सुजानपुर में इस पर सहमति नहीं बन पा रही।

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Apr 2021 10:13 PM (IST)Updated: Sun, 18 Apr 2021 10:13 PM (IST)
मेयर के नाम पर फंसा पेंच, महाजन वोट बैंक लाडी के पास तो भाटिया व बडैहरा पुराने हैं कार्यकत्र्ता

संवाद सहयोगी, पठानकोट : प्रदेशभर के अधिकतर जिलों में मेयर का चुनाव हो गया, लेकिन पठानकोट व सुजानपुर में इस पर सहमति नहीं बन पा रही। सहमति के न बनने के पीछे एकमात्र कारण उम्मीदवार के नाम पर समस्त पार्षदों की सहमति न बन पाना है। ऐसे में कांग्रेस हाइकमान इस बात को लेकर रिस्क लेने के मूड में नहीं है, जिसका आगामी विधानसभा चुनावों में उन्हें वोट बैंक के रूप में भुगतान करना पड़े।

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बात यदि पार्षद नितिन महाजन लाडी की करें उनका नाम मेयर पद की दौड़ में अग्रिम पंक्ति में देखा जा रहा है। लाडी पर पार्टी हाईकमान के राजनेताओं का आशीर्वाद तो है ही, विधायक अमित विज के भी वे बेहद करीबी माने जाते हैं। लाडी साफ छवि के मालिक हैं। सबसे बड़ा फैक्टर जिला पठानकोट में बिरादरी का 35 हजार से अधिक हैं। महाजन बिरादरी की समस्त संस्थाओं तथा कारोबारियों के साथ लाडी का अच्छा तालमेल व शहर भर में उनका अच्छा रसूख भी हैं। इन सभी पहलुओं को देखते हुए पार्टी को उनके मेयर पद पर बिठाने के साथ-साथ आगामी चुनावों में भी अच्छा लाभ मिल सकता है।

वहीं दूसरी ओर पन्ना लाल भाटिया व गौरव बडैहरा खत्री बिरादरी से संबंधित हैं तथा पार्टी के पुराने कार्यकर्ता हैं। शहर भर में अपनी अच्छी पैठ रखते हैं। भाटिया पांच बार अपनी वार्ड से जीत हासिल कर चुके हैं। विधायक के बेहद नजदीक होने के बावजूद सबसे बड़ी समस्या पठानकोट की दो टॉप पोस्ट पर एक ही बिरादरी के लोगों के चयनित होने की आ रही है। गलत चयन हुआ तो 2022 में कांग्रेस को उठाना पड़ सकता है नुकसान

पिछले लंबे समय से पठानकोट के लिए मेयर पद पर सहमति बनाने के लिए चंडीगढ़ सहित पठानकोट में पार्टी हाईकमान की ओर से गुपचुप ढंग से कई बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं। इसमें पठानकोट के 50 वार्डेां में से 36 सीटों पर विजेता रहने वाले कांग्रेसी पार्षदों की राय भी ली गई है। इसमें पार्षदों ने अपनी राय भी व्यक्त की है। सूत्रों के अनुसार उन पर मेयर पद के लिए जिस पार्षद का नाम थोपा जा रहा है, उस पर अधिकतर ने साफ इंकार कर दिया है। साथ ही कहा है कि ऐसा करने से पार्टी में विरोधी स्वर उठ सकते हैं। कैबिनेट मंत्री व आब‌र्ज्वर भारत भूषण आशू ने दो दिन पहले एक रेस्ट हाउस में पार्षदों के साथ अलग-अलग बात कर उनकी राय ली थी। सूत्र बताते हैं कि इसमें कांग्रेस के कुछेक विजेता रहे पार्षदों ने स्पष्ट किया था कि उन पर मेयर को थोपा न जाए बल्कि आगामी विधानसभा चुनावों को देखते उसी उम्मीदवार के के नाम पर मोहर लगाई जा जोकि भविष्य में पार्टी को मजबूती प्रदान कर सकें।

अगले सप्ताह शहर को मिल जाएगा मेयर : विधायक अमित विज

उधर, इस संबंधी जब विधायक अमित विज से बात की गई तो उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान की ओर से इस मंथन किया जा रहा है। संभवत अगले सप्ताह शहर को मेयर मिल जाएगा।


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