आखिरकार किसने बदला स्कार्पियो का नंबर प्लेट, पुलिस के लिए बनी चुनौती
सीमावर्ती क्षेत्र में मंगलवार देर रात दो महत्वपूर्ण पुलिस नाके तोड़कर फरार हुए स्कार्पियो सवार अभी तक पुलिस के हाथ नहीं लगे हैं।
संवाद सहयोगी, बमियाल, पठानकोट
सीमावर्ती क्षेत्र में मंगलवार देर रात दो महत्वपूर्ण पुलिस नाके तोड़कर फरार हुए स्कार्पियो सवार अभी तक पुलिस के हाथ नहीं लगे हैं। जबकि इस घटना को 48 घंटे बीत चुके हैं। सवाल यह उठ रहा है कि आखिर पुलिस के घेरे में पूरी तरह घिर चुके स्कार्पियो सवार आखिर कैसे भाग गए। अब तक यह भी पता नहीं चल सका है कि आखिर स्कार्पियो में कितने लोग सवार थे। पुलिस के कब्जे में गाड़ी होने के बावजूद किसने जम्मू का नंबर हटाकर पंजाब का नंबर प्लेट लगा दिया।
बता दें कि मंगलवार रात्रि करीब 9 बजे एक स्कॉर्पियो गाड़ी पुलिस के दो महत्वपूर्ण नाके तोड़ कर नरोट जैमल ¨सह में प्रवेश कर गई थी। इस घटना में पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी थी। हालांकि बाद में पुलिस की ओर से पीछा कर गाड़ी को कब्जे में कर लिया था जबकि इसमें सवार लोग मौके से फरार हो गए थे। पुलिस को इस गाड़ी से एक बछड़ा बरामद हुआ था जिससे पुलिस इस गाड़ी के मामले को पशु तस्करी से जोड़कर देख रही है। गाड़ी में पशु तस्करी का यह पहला मामला कई प्रकार के सवाल खड़े करने वाला है कि आखिर सवारी गाड़ी में सिर्फ एक पशु की तस्करी के लिए संदिग्ध नहीं आए होंगे। वहीं एक बड़ा सवाल यह उभर कर सामने आ रहा है कि कहीं यह पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को चकमा देने की योजना का एक हिस्सा तो नहीं। अब पुलिस की ओर से जेएंडके की नंबर प्लेट के माध्यम से जेएंडके स्थित कार के मालिक का पता लगाने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है। जिसके गिरफ्त में आने के बाद मामले से पर्दा उठने की संभावना है। पुलिस के मुताबिक इस स्कॉर्पियो में केवल एक चालक ही मौजूद था। इस मामले के संबंध में जब थाना प्रभारी प्रीतम ¨सह से संपर्क कर बात की गई तो उन्होंने कहा कि फिलहाल स्कॉर्पियो चालक पुलिस की पकड़ से बाहर है पुलिस की ओर से गाड़ी से मिली जेएंडके की नंबर प्लेट के माध्यम से जेएंडके परिवहन विभाग से संपर्क साधा गया है। वहीं गाड़ी पर लगी पंजाब की नंबर प्लेट फर्जी है और इस गाड़ी के मालिक का पता लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जल्द मामले से पर्दा उठा दिया जाएगा और आरोपी को काबू किया जाएगा।
जेएंडके नंबर प्लेट असली, पंजाब की फर्जी
वहीं दूसरी तरफ पुलिस के कब्जे में ही स्कॉर्पियो की नंबर प्लेट बदले जाने से पुलिस की कार्यप्रणाली पर और भी सवाल उठ रहा है। थाना नरोट जैमल सिंह के प्रभारी प्रीतम सिंह का का कहना है कि जेएंडके की नंबर प्लेट ही असली है और उसी के आधार पर जांच शुरू कर दी गई है। वहीं पंजाब की नंबर प्लेट फर्जी है। पुलिस ने जेएंडके परिवहन विभाग से संपर्क करना शुरू कर दिया है ताकि यह पता लगाया जा सके की गाड़ी पर लगी जेएंडके की नंबर प्लेट जिसके नाम पर है वह सही है या नहीं। गाड़ी पर लगाई की दूसरी पंजाब नंबर की नंबर प्लेट गाड़ी में कैसे लगी यह अभी भी रहस्य बना हुआ है। हालांकि पुलिस का कहना है कि जिस समय गाड़ी जब्त की गई थी उस समय पंजाब की नंबर प्लेट ही लगी हुई थी। जबकि असली (जेएंडके) नंबर प्लेट गाड़ी में ही पड़ी हुई थी।