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चेतना और अंतर मन में परिवर्तन लाना जरूरी : स्वामी सुरेंद्र

दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की तरफ से सिंबल चौक स्थित पठानकोट आश्रम मे

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Jan 2018 06:39 PM (IST)Updated: Mon, 29 Jan 2018 06:39 PM (IST)
चेतना और अंतर मन में परिवर्तन लाना जरूरी : स्वामी सुरेंद्र
चेतना और अंतर मन में परिवर्तन लाना जरूरी : स्वामी सुरेंद्र

संवाद सहयोगी, पठानकोट : दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की तरफ से सिंबल चौक स्थित पठानकोट आश्रम में मासिक सत्संग समागम आयोजित किया गया। इसमें परमात्मा प्रेरित विचारों को रखते हुए संस्थान के संस्थापक एवं संचालक गुरुदेव आशुतोष महाराज जी के शिष्य स्वामी सुरेंद्र ने बताया कि भक्ति त्याग का मार्ग है। हमें संसार आसक्ति छोड़कर प्रभु को अपनाना होगा, तभी जीवन का कल्याण है। प्रभु का साक्षात्कार मोक्ष का द्वार है। यदि मानव महापुरुषों के चरित्र से प्राप्त शिक्षा व संदेश को जीवन में धारण कर लें तो जरूर एक आदर्श मानव का निर्माण होगा। आगे स्वामी जी ने कहा कि मनुष्य के भीतर जो विकार हैं उसका कारण मन है। जब तक इंसान का मन विकसित नहीं हुआ तब तक वह किसी समाधान का अंग नहीं बन सकता। यदि समाज में परिवर्तन लाना है तो सबसे पहले व्यक्ति की चेतना और अंतर मन में परिवर्तन लाना होगा। अध्यात्म द्वारा उसे जागृत करना होगा।

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