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नौ दिन बाद आरएसडी से बिजली उत्पादन शुरू

वीरवार को सुबह पांच बजे बांध परियोजना से बिजली उत्पादन के लिए चार में से केवल एक यूनिट को 120 मेगावाट क्षमता से चला कर लगभग 44सौ क्यूसिक पानी का बहाव निर्माणाधीन बैराज बांध की तरफ छोड़ा दिया गया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Oct 2021 08:01 PM (IST)Updated: Thu, 14 Oct 2021 08:01 PM (IST)
नौ दिन बाद आरएसडी से बिजली उत्पादन शुरू
नौ दिन बाद आरएसडी से बिजली उत्पादन शुरू

कमल कृष्ण हैप्पी, जुगियाल

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रावी नदी को पंजाब की तरफ डायवर्ट करने, जम्मू कश्मीर के बसंतपुर की तरफ निर्माण कार्य व खोदाई का कार्य शुरू करने के लिए रणजीत सागर बांध परियोजना से पांच अक्टूबर से बिजली उत्पादन के साथ पानी के बहाव को रोक दिया गया था। बिजली उत्पादन में लगातार हो रही कटौती को देखते हुए निर्धारित समय से एक दिन पहले ही बिजली उत्पादन के लिए पानी को छोड़ दिया गया है।

वीरवार को सुबह पांच बजे बांध परियोजना से बिजली उत्पादन के लिए चार में से केवल एक यूनिट को 120 मेगावाट क्षमता से चला कर लगभग 44सौ क्यूसिक पानी का बहाव निर्माणाधीन बैराज बांध की तरफ छोड़ा दिया गया। बांध अधिकारियों ने बताया कि लगभग सात किलोमीटर की दूरी से आने वाला पानी का बहाव बैराज बांध तक लगभग चार घंटे के बाद पहुंचा तथा पूरा पानी सफलतापूर्वक बैराज बांध के बनाए हुए दस गेटों में से माधोपुर हेडव‌र्क्स की ओर चला गया।

बता दें कि रावी नदी को पंजाब की तरफ डायवर्ट करने के लिए बैराज बांध प्रशासन पर कार्यरत सोमा कपंनी को काम सौंपा गया था। कंपनी की ओर से रावी नदी के किनारे बड़ी धुस्सियां बना कर पानी को पंजाब की तरफ डायवर्ट करने के लिए युद्धस्तर पर कार्य शुरू किया गया था, परंतु पंजाब में कोयले की कमी के चलते लगातार लग रहे अघोषित पावर कट को देखते हुए पंजाब सरकार के जल स्त्रोत विभाग की ओर से एक दिन पहले ही आरएसडी से पानी छोड़कर बिजली उत्पादन का काम शुरू कर दिया गया है। जेएंडके की लिफ्ट इरीगेशन योजना को भी मिला पानी

डैम प्रशासन के महाप्रबंधक संदीप कुमार सलुजा, चीफ इंजीनियर आरडी सावा व अन्य अधिकारियों ने बताया कि सरकार के निर्णय अनुसार एक दिन पहले ही 14 अक्टूबर को सुबह लगभग पांच बजे रणजीत सागर बांध (आरएसडी) परियोजना से बिजली उत्पादन के लिए पानी को छोड़ दिया गया है। इसके साथ अब जम्मू कश्मीर की लिफ्ट इरीगेशन योजना को भी पानी मिलना शुरू हो जाएगा। उन्होंने बताया कि जम्मू कश्मीर की साईड की तरफ पांच ओवरफ्लो गेट बनाने की योजना है, जिसके लिए शीघ्र ही निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चालू करके वर्ष 2022 मे बैराज बांध का निर्माण कार्य पूरा कर दिया जाएगा। प्रोजेक्ट के बनने से जेएंडके के 32373 एकड़ व पंजाब क्षेत्र की पांच हजार एकड़ भूमि को लगातार सिचाई के लिए पानी, पर्यटन को बढ़ावा तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ लोगों को रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे। इस अवसर पर डैम के जीएम एसके सलुजा, चीफ इंजीनियर डिजाइन एनके जैन, निदेशक राहुल इंद्र सिंह, सीई राम दर्शन सावा, एसई हेडक्वार्टर नरेश महाजन, एसई गुरपिद्र पाल सिंह संधू, एसई जेआर डोगरा, एक्सईएन हेडक्वार्टर लखविद्र सिंह, एक्सईएन जनक राज शर्मा, एक्सइएन संदेश राज, एक्सइएन विवेक राज, सोमा कपंनी के जीएम वीडी शर्मा, डीजीएम शिवानंद, प्रबंधक राजा शेखर, सहायक अभियंता हरीष शर्मा, विनय शर्मा व अन्य उपस्थित थे।


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