स्पेशल ट्रेनों से निकाले जा रहे जम्मू-कश्मीर में फंसे लोग, अब भी हजारों हैं अटके
जम्मू-कश्मीर से अन्य राज्यों के लोगों का निकलना जारी है। वहां फंसे लोगों को निकालने के लिए रेलवे स्पेशल ट्रेनें चला रहा है। वीरवार को 2500 लोगों को स्पेशल ट्रेन से निकाला गया।
पठानकोट, [वीरेन पराशर]। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद वहां पैदा स्थिति के मद्देनजर अन्य राज्यों के लोगों की वापसी का सिलसिला जारी है। जम्मू-कश्मीर में विभिन्न स्थानों पर फंसे लोगों को स्पेशल ट्रेनाें के जरिये निकाला जा रहा है। वीरवार को भी 2500 को ऊधमपुर से स्पेशल ट्रेन के जरिये निकाला गया। जम्मू और ऊधमपुर में अब भी करीब 3500 लोगों के फंसे होने की सूचना है। जम्मू से पठानकोट के लिए बस सेवाएं वीरवार को भी बंद रही।
ऊधमपुर-दरभंगा स्पेशल ट्रेन से 2500 यात्री भेजे गए, 3500 अभी भी फंसे
जम्मू-कश्मीर में तनाव के चलते अन्य राज्यों के लोगों काे वहां से सुरक्षित भेजने का सिलसिला जारी है। जम्मू और ऊधमपुर में फंसे करीब 2500 लोगों को वीरवार को रेलवे ने ऊधमपुर-दरभंगा स्पेशल ट्रेन चलाकर अपने गंतव्य की तरफ रवाना किया। यह ट्रेन ऊधमपुर और जम्मू होकर वाया पठानकोट आगे रवाना हुई।
बताया जाता है कि अभी भी ऊधमपुर और जम्मू में 3500 यात्री फंसे हुए हैं। इनमें सबसे अधिक यात्री ऊधमपुर में 2500 और जम्मू में 1000 लोग परिवहन सुविधा के इंतजार में हैं। यात्रियों की मुश्किलों व राज्य के हालात को देखते हुए रेलवे स्पेशल ट्रेनों की संख्या में बढ़ोतरी करने की तैयारी में है। जम्मू-कश्मीर के विभिन्न स्थानों पर फंसे लोगों में अधिकतर श्रमिक वर्ग से हैं। इनमें से अधिकतर लोग उत्तर प्रदेश, बिहार और हरियाणा के हैं। इसके साथ ही दक्षिण व पूर्व भारतीय राज्यों के 1100 लोगों को भी रूटीन ट्रेन से भेजा गया है।
बुधवार और वीरवार रात्रि भी ऊधमपुर से पठानकोट होकर ट्रेन नंबर 16032 से दो सौ यात्री चेन्नई, ट्रेन नंबर 11058 में 300 यात्री पुणे, ट्रेन नंबर 15651 से 600 यात्री गुवाहाटी और ट्रेन नंबर 12550 में 600 यात्री दुर्ग के लिए भेजे गए थे। डीआरएम राजेश अग्रवाल ने इसकी पुष्टि कर कहा कि रेलवे यात्रियों को परिवहन सुविधा देने के लिए प्रयासरत है। आवश्यकता पडऩे पर स्पेशल ट्रेन में बढ़ोतरी की जाएगी।
'अचानक आना पड़ा वापस'
बिहार के आरा रहनेवाले मनफूल ने बताया कि वह मजदूरी के लिए से जम्मू गए थे। ठेकेदार के अधीन उनका काम चल रहा था, लेकिन एकदम उन्हें कहा गया कि अब काम नहीं होगा। पिछले चार दिनों से वह जम्मू में फंसे थे। अब ट्रेन मिली है और घर को जा रहे हैं।
'जम्मू-कश्मीर में हर तरफ सेना और पुलिस का कड़ा पहरा है'
उत्तर प्रदेश के इटावा के रामकृष्ण ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में सेना और पुलिस का कड़ा पहरा है। हर तरफ कड़ी सुरक्षा होने के कारण बाहर निकलने से लोग कतरा रहे हैं। हम रोजी रोटी कमाने के लिए वहां गए थे, लेकिन तनावपूर्ण हालात के कारण काम बंद हो गए हैं। हमारा सारा पेमेंट कर दिया गया है और काम छोड़कर अब घर जा रहे हैं।
'तीन दिन इंतजार के बाद मिली ट्रेन'
सोनभद्र के मुरारी बताते हैं कि कुछ दिन पहले सब कुछ ठीकठाक था। वह जम्मू से आगे एक स्थान पर काम कर रहे थे। निर्माण से जुड़ा काम कई महीनों तक चलना था। कामकाज बंद हो पर निराश है, उन्हें तीन दिनों बाद रेल सेवा मिल सकी है।
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पठानकोट बस स्टैंड पर सन्नाटा, जम्मू से नहीं आ रही हैं बसें
वीरवार को भी पठानकोट और जम्मू के बीच बस सेवाएं बंद रहीं। इस कारण पठानकोट के बस स्टैंड पर सन्नाटा पसरा रहा। आने वाले कुछ दिन में भी बस सेवाएं शुरू होने की संभावना कम है। पंजाब रोडवेज के पठानकोट डिपो के ड्यूटी इंस्पेक्टर राज कुमार का कहना है कि जम्मू में हालात सामान्य होने तक बस सेवा शुरू न करने के आदेश मिले हैं।
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