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पर्ल कंपनी के खिलाफ सड़कों पर उतरे पीडि़त परिवार, लगाया जाम

पठानकोट में करीब पचास हजार से अधिक लोगों की पालिसी कर उन्हें प्लाट तथा दोगुणा पैसे देने के सपने दिखाकर करीब दो हजार करोड़ रूपए का घोटाला कर भागी पर्ल कम्पनी के खिलाफ आज पीडित परिवारों की ओर से शहर भर में जोरदार प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों की ओर से स्थानीय रेवेन्यू डिपार्टमेंट के खिलाफ नारेबाजी

By JagranEdited By: Published: Sat, 15 Sep 2018 06:05 PM (IST)Updated: Sat, 15 Sep 2018 06:05 PM (IST)
पर्ल कंपनी के खिलाफ सड़कों पर उतरे पीडि़त परिवार, लगाया जाम
पर्ल कंपनी के खिलाफ सड़कों पर उतरे पीडि़त परिवार, लगाया जाम

संवाद सहयोगी,पठानकोट : पठानकोट में करीब पचास हजार से अधिक लोगों की पॉलिसी कर उन्हें प्लाट तथा दोगुना पैसे देने के सपने दिखाकर करीब दो हजार करोड़ रुपये का घोटाला कर भागी पर्ल कंपनी के खिलाफ आज पीडित परिवारों की ओर से शहर में प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों की ओर से स्थानीय रेवेन्यू डिपार्टमेंट के खिलाफ नारेबाजी की गई तथा आरोप लगाया कि कुछेक प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से कंपनी की कोर्ट द्वारा सीज की गई जमीन को मिलीभगत कर बेचा जा रहा है। उनका आरोप है कि जिला भर में पर्ल कंपनी की करीब छह सौ पचास एकड़ से अधिक जमीन थी जिसमें से रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने मिलीभगत कर करीब 350 एकड़ जमीन बेच दी है। उनकी ओर से बेची गई इस जमीन के कागजात भी दिखाए गए। पठानकोट-गुरदासपुर मार्ग पर प्रदर्शन करने के उपरांत पीजीएफ, पीएसीएल इन्वेस्टर एसोसिएशन के सदस्य जिलाधीश कार्यालय के बाहर गए। वहां सड़क पर मार्ग अवरूद्ध कर उनकी ओर से एक घंटा प्रदर्शन किया गया। इसके बाद एसोसिएशन सदस्यों की ओर से एक मांग पत्र एडीसी कुलवंत ¨सह को भी सौंपा गया।

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रिटायर्ड जजों की टीम ने दिया था पैसा वापस दिलाने का भरोसा

पठानकोट रेवेन्यू विभाग की मिलीभगत से पीएसीएल की जो भूमि निवेशकों को अलाट की गई है, को बेचकर स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों ने एक बडा घोटाला किया गया है। 2 फरवरी 2016 को सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत आरएम लोढ़ा कमेटी का गठन किया गया था। रिटायर्ड जजों की टीम के नेतृत्व में गठित की गई इस कमेटी ने आदेश जारी किए थे कि पीएसीएल ग्रुप की ओर से जो प्रापर्टी खरीद की गई है, उसे उसे बेचकर निवेशकों का पैसा वापस दिया जाए।

आरटीआइ से प्रॉपटी बेचने का हुआ खुलासा

पीजीएफ, पीएसीएल इन्वेस्टर एसोसिएशन पठानकोट के अध्यक्ष चन्द्र शेखर ने जिला पठानकोट में पीएसीएल के करीब पचास हजार तथा पठानकोट के साथ लगते हिमाचल प्रदेश तथा जम्मू क्षेत्र के करीब 2 लाख लोगों की ओर से इस कंपनी में इन्वेस्ट किया था। लोगों की ओर से इन्वेस्ट की गई जमीन के बदले कंपनी के पदाधिकारियों ने अपने तथा अपने रिश्तेदारों एवं मुलाजिमों के नाम पर जिला पठानकोट में साढ़े छह सौ एकड़ जमीन खरीद की थी। इसमें सकरेत में 580 एकड, जुगियाल में 10.50 एकड तथा पठानकोट में करीब 3.50 एकड तथा आसपास के क्षेत्र में भी जमीन खरीद की है। इस संबंधी संबंधित विभाग के डायरेक्टर ने पत्र जारी कर देश के सभी रेवेन्यू विभाग,जिलाधीशों को इनकी प्रापर्टियों की जांच कर, उन्हें होल्ड करने के आदेश दिण् थे ताकि प्रापर्टी को सेल कर निवेशको का पैसा वापस किया जा सके। परन्तु आरटीआइ के आधार पर इस बात का पता चला हे कि इन प्रॉपर्टियों को बेचा जा रहा हे। एसआइटी गठित करने की मांग

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उन्हें इस बात का पूर्ण यकीन हो गया है कि पर्ल कंपनी की इन सीज की गई प्रॉपर्टियों को जिला के कुछेक प्रशासनिक अधिकारियों एवं रेवेन्यू डिपार्टमेंट की मिलीभगत पर बेचा जा रहा है। ऐसे में प्रशासनिक अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट तथा लोढ़ा कमेटी के नियमों की अवहेलना की है। उन्होंने बताया कि इस संबंधी सोमवार को जिलाधीश रामवीर से मिल कर एसआइटी बनाने की मांग की जाएगी ताकि क्षेत्र में हुई इन रजिस्ट्रियों को रद्द किया जा सके तथा इन प्रापर्टियों को बेच कर निवेशकों का पैसा उनकेा मिल सके। हमने कोई इंतकाल नहीं करवाया,एक भी मरले की रजिस्ट्री मेरे ध्यान में नहीं: गोराया

तहसीलदार परमप्रीत ¨सह गोराया ने कहा कि उनकी ओर से कोई इंतकाल नही करवाया गया है तथा न ही उनके ध्यान में इस जमीन की एक भी मरले की रजिस्ट्री हुई है। एसोसिएशन की ओर से जो आरटीआइ डाली गई थी, उनकी रिपोर्ट बनाकर भेज दी गई है। अगर फिर भी ऐसी कोई बात है, तो वह आकर उनसे मिले और इस संबंध कार्रवाई की जाएगी।


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