नशा छुड़ाओ केंद्र के कर्मी हड़ताल पर, तड़पते रहे 227 मरीज
सिविल अस्पताल स्थित नशा छुड़ाओ केंद्र और ओट क्लीनिक के कर्मियों की हड़ताल के कारण आज दिनभर केंद्र के बाहर नशे से पीड़ित मरीज उपचार के लिए तड़पते रहे।
संवाद सहयोगी, पठानकोट
सिविल अस्पताल स्थित नशा छुड़ाओ केंद्र और ओट क्लीनिक के कर्मियों की हड़ताल के कारण आज दिनभर केंद्र के बाहर नशे से पीड़ित मरीज उपचार के लिए तड़पते रहे। गवर्नमेंट ड्रग्स डी -एडिक्शन एंड रिहेबलिटेशन इंप्लाइज यूनियन पंजाब की कॉल पर सोमवार को हुई हड़ताल के कारण सेंटर के किसी भी कर्मी ने इन पीडितों का उपचार नहीं किया। यूनियन अध्यक्ष गुरदियाल राम की अगुआई में स्टाफ कर्मी अपना कामकाज छोड़ कर धरने पर बैठे रहे। कर्मियों ने मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। दोपहर बाद तक जब मरीजों के हक में कोई कार्रवाई न हुई तो सभी इकट्ठा होकर दवा की मांग को लेकर सिविल सर्जन डॉ. नैना सलाथिया से मिले। इस पर सिविल सर्जन ने एसएमओ डॉ. भूपिन्द्र ¨सह को दवाई मुहैया करवाने के निर्देश दिए। मरीजों के हालात को देखते हुए एसएमओ के आश्वासन पर कर्मियों ने हड़ताल समाप्त की।
न सरकार ने पक्का किया न सैलरी बढ़ाई
हड़ताल पर बैठे यूनियन के अध्यक्ष गुरदियाल राम, मुनीश कुमार, मंगल ¨सह, थामस मसीह, हरप्रीत कौर, हरविन्द्र कौर, दलवीर ¨सह, मनभावन, रोहित कुमार ने बताया कि सरकार द्वारा भर्ती किए हुए चार साल से ज्यादा हो चुका है, लेकिन अभी तक उन्हें पक्का नहीं किया गया और न ही वेतन बढ़ाया गया। इस बारे में कई बार अफसरों व मंत्रियों से मिल चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है। मुलाजिम छह घंटे की बजाए 12-12 घंटे काम कर रहे हैं। नशा छुड़ाओ केंद्र में 11 मरीज भर्ती हैं, जबकि 216 ओट क्लीनिक में अपना उपचार करवा रहे हैं।
दवा न मिलने पर परेशान हो उठे नशे से पीड़ित मरीजों के परिजन
हड़ताल के कारण नशा ग्रस्त मरीजों में युवाओं से लेकर अधेड़ लोगों की परेशानी से अधिक उनके परिजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। घरों में मरीजों के बबाल से परेशान उनके परिजन दवा के लिए खुद सिविल अस्पताल पहुंचे। इनमें सबसे अधिक महिलाएं शामिल थीं। इस संबंधी जब सुषमा सैनी से बात हुई तो उन्होंने बताया कि उनके दोनों बेटे नशे की चपेट में आ गए हैं। दोनों का उपचार केंद्र से चल रहा है। आज दवाई न मिलने के कारण दोनों में तलब बढ़ गई और दोनों ने घर में बबाल मचाया है। घर के वर्तन बाहर फेंक दिए हैं। जिसके चलते वह बहुत परेशान है और खुद उनकी दवाई लेने आई हैं।
इसी प्रकार हिमाचल के गांव मोहटली से आई वीना देवी ने बताया कि उनका पति कैप्सूल खाने का आदि हो गया है। उनका उपचार केंद्र से चल रहा है। जिस दिन उन्हें दवा की डोज नहीं मिलती उनका पूरा शरीर कांपने लगता है। टांगों में दर्द होने लगती है।