Pathankot: मुक्तेश्वर धाम को डूबने से बचाने के लिए सेफ्टी वाल बनवाएगा बांध प्रशासन
Pathankot बहुउद्देशीय रणजीत सागर बांध परियोजना की दूसरी इकाई शाहपुरकंडी बांध परियोजना के लिए बनाई जा रही शाहपुरकंडी झील में 5505 वर्ष पुराने मुक्तेश्वर धाम के डूबने की आशंक पर अब पूरी तरह से विराम चिन्ह लग गया है।
पठानकोट, जागरण संवाददाता: बहुउद्देशीय रणजीत सागर बांध परियोजना की दूसरी इकाई शाहपुरकंडी बांध परियोजना के लिए बनाई जा रही शाहपुरकंडी झील में 5505 वर्ष पुराने मुक्तेश्वर धाम के डूबने की आशंक पर अब पूरी तरह से विराम चिन्ह लग गया है।
शाहपुरकंडी बांध परियोजना की ओर से मुक्तेश्वर धाम को बचाने के लिए सेफ्ट वाल बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। परियोजना की ओर से गहरी नींव से लेकर ऊपर तक मुक्तेश्वर धाम के पूरे मंदिर को पानी की मार से बचाने के लिए सेफ्टी वाल बनाई जाएगी।
इसके लिए परियोजना और मुक्तेश्वर धाम प्रबंधक कमेटी की ओर से रावी नदी के किनारे बने कुछ फालतू स्थल को उखाड़ना शुरू कर दिया गया है। शाहपुरकंडी बांध परियोजना की ओर से ई-टेंडर लगवा कर प्रपोजल नंबर एक के तहत इस सेफ्टी वाल के निर्माण के लिए 8 करोड़ 20 लाख रुपये का ठेका मनमोहन सिंह कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया गया है, जिसको पूरा करने की अवधि 17 महीने रखी गई है। यानी कंपनी द्वारा 31 मार्च 2024 तक कार्य को पूरा करना है।
इसी के तहत कंपनी को 394 मीटर स्तर से लेकर सेफ्टी वाल को 406.05 मीटर तक लाना होगा। यही दीवार ऊपर से 409 मीटर जल स्तर तक जाएगी। दीवार की लंबाई 39 मीटर होगी और चौड़ाई मापदंड के अनुसार रखी जाएगी, जिसके चलते कंपनी की ओर ड्रेन वाल, रिटेनिंग वाल, शार्ट ग्रेडिंग, स्नान घाट, अस्ति विसर्जन स्थान, लंगर हाल एवं सराय सहित अन्य स्थानों का निर्माण मुक्तेश्वर धाम प्रबंधक कमेटी के अनुसार करना होगा।
मुख्य दीवार की ऊंचाई 406.05 मीटर से 401 मीटर के जलस्तर पर जहां मुख्य मंदिर है और उस गुफा में प्राचीन शिवलिंग स्थापित है वहां तक एक गुफा के रास्ते इसको जोड़ा जाएगा। इस प्राचीन ऐतिहासिक धरोहर को बचाने के लिए मुक्तेश्वर धाम प्रबंधक कमेटी, मुक्तेश्वर धाम मंदिर बचाओ समिति तथा कई धार्मिक संगठन सहित एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए थे, जिसमें पंजाब के पूर्व डिप्टी स्पीकर दिनेश सिंह बब्बू, पंजाब सरकार के पूर्व डायरेक्टर पुनीत पिंटा, पूर्व सांसद विनोद खन्ना, पूर्व सांसद सुनील जाखड़ सहित कई अन्य प्रशासनिक और राजनीतिक उच्च अधिकारी शामिल रहे।
अब इस धरोहर के बचने का रास्ता पूरी तरह खुल गया है और उसी प्रपोजल नंबर एक को अमलीजामा पहनाया जा रहा है। इस मौके पर मुक्तेश्वर धाम प्रबंधक कमेटी और मुक्तेश्वर धाम बचाओ समिति की ओर से इस धरोहर को बचाने के सहयोग करने वाले संगठनों की ओर से पंजाब सरकार केंद्र सरकार और शाहपुर कंडी बांध प्रशासन का धन्यवाद किया है।