पठानकोट हमला : बड़ा सवाल, एयरफोर्स बेस की सुरक्षा प्रबंधों को कैसे भेद गए आतंकी
पाकिस्तानी आतंकियाें ने पठानकोट एयरफोर्स बेस पर हमला कर उसकी सुरक्षा व्यवस्था को ध्वस्त कर दिया। जिस तरह आतंकी अंदर घुसकर लड़ते रहे, इससे सवाल उठाता है कि वे सामरिक महत्व के इस जगह की सुरक्षा व्यवस्था को इस कदर कैसे भेद गए।
जागरण संवाददाता, पठानकोट। पाकिस्तानी आतंकियाें ने पठानकोट एयरफोर्स बेस पर हमला कर उसकी सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और डीजीपी पंजाब सुरेश अरोड़ा ने भी सुरक्षा में खामी की बात स्वीकारी है। जिस तरह आतंकी अंदर घुसकर लड़ते रहे, इससे साफ है कि उन्होंने वहां घुस कर रेकी भी की होगी। हैरानी की बात है कि किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी। ऐसे मेंं बड़ा सवाल यह है कि वे एयरफोर्स स्टेशन के सुरक्षा प्रबंधों को इस कदर कैसे भेद गए।
जिस एयरबेस में वायुसेना के लड़ाकू हेलीकॉप्टर, जहाज व आयुद्ध भंडार हैं, उसकी सुरक्षा को लेकर इतनी लापरवाही क्यों बरती गई, ऐसे कई प्रश्न हैं जिनका उत्तर रक्षा मंत्रालय, एनआइए और पुलिस प्रशासन को अब ढूंढऩा ही होगा।
पठानकोट एयरफोर्स स्टेशन के इस हिस्से से आतंकी कई घंटे तक फायरिंग करते रहे।
सुलगते सवाल
1. आंतकवादियों के पास भारी मात्रा में असलहा व गोली बारूद था। एयरबेस में घुसने के लिए क्या उन्होंने कई फुट उंची कंटीली तारें लगी दीवार फांदी या उन्हें भीतर घुसने का रास्ता किसी देश विरोधी तत्व ने बताया?
2. रक्षा मंत्री पर्रिकर ने लगभग 25 किमी परिधि में फैले घने वृक्षों का उल्लेख किया है। असल में ये घने वृक्ष नहीं बल्कि एयरबेस से सटी नलवा नहर में उगा घना सरकंडा है। वायुसेना ने सरकंडा काट कर पूरे क्षेत्र को समतल बनाने का प्रयास क्यों नहीं किया?
3. इतने बड़े सामरिक महत्व के क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अत्याधुनिक तकनीक जैसे सीसीटीवी कैमरे आदि का इस्तेमाल क्यों नहीं हुआ?
4. एयरफोर्स स्टेशन के मुख्य प्रवेश द्वार के साथ बीते कुछ वर्षों में दुकानों के निर्माण हुए हैं। उसकी चारदीवारी से सटी कुछ कालोनियों के मकानों की छत से कोई भी देश विरोधी तत्व एयरबेस की रेकी कर सकता है। स्टेशन के साथ भवनों का निर्माण को लेकर नियम क्यों नहीं बनाए गए?
एयरफोर्स स्टेशन का पीछे का हिस्सा। यहीं से चारदीवारी फांद कर आतंकियों के अंदर जाने का शक है।
5. आयुद्ध भंडारों के एक हजार मीटर क्षेत्र में कोई भी निर्माण कार्य नहीं करवाया जा सकता। पठानकोट एयरबेस में ये नियम क्यों लागू नहीं हुआ?
6.क्या एयरबेस की सुरक्षा मजबूत करने के लिए वायुसेना के अधिकारियों ने कभी प्रशासन के साथ इस पूरे क्षेत्र को खाली करवाने के बारे में कोई चर्चा की?
7. एयरबेस की चारदीवारी के साथ सुरक्षा के लिए बनाए गए मचानों पर जवानों की तैनाती क्यों नहीं की गई थी? यदि मचानों पर तैनाती होती तो भीतर प्रवेश करने वाले आतंकियों पर समय रहते हमला किया जा सकता था।
8. आतंकवादियों ने अपने पाकिस्तान स्थित आकाओं के साथ मोबाइल पर कई बार बात की। सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण वह इतनी आसानी से सीमा पार बात कैसे कर पाए?