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इंडस्ट्रियल ग्रोथ सेंटर में प्रतिदिन 330 सिलेंडर की क्षमता वाला आक्सीजन प्लांट लगा, अन्य उद्योगपतियों को भी किया जा रहा जागरूक

कोरोना काल में आक्सीजन की कमी से जूझ रहे लोगों के लिए एक अच्छी खबर है। जिले में दो जगहों पर आक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे।

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 May 2021 10:22 PM (IST)Updated: Thu, 06 May 2021 10:22 PM (IST)
इंडस्ट्रियल ग्रोथ सेंटर में प्रतिदिन 330 सिलेंडर की क्षमता वाला आक्सीजन प्लांट लगा, अन्य उद्योगपतियों को भी किया जा रहा जागरूक
इंडस्ट्रियल ग्रोथ सेंटर में प्रतिदिन 330 सिलेंडर की क्षमता वाला आक्सीजन प्लांट लगा, अन्य उद्योगपतियों को भी किया जा रहा जागरूक

जागरण संवाददाता, पठानकोट :

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कोरोना काल में आक्सीजन की कमी से जूझ रहे लोगों के लिए एक अच्छी खबर है। जिले में दो जगहों पर आक्सीजन प्लांट लगाए जाएंगे। इनकी क्षमता 20 मीट्रिक टन होगी। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद कवायद की जा रही है। हालांकि इसे पूरा करने में अभी कुछ समय लग सकता है। मगर घबराने की कोई बात नहीं है, जिले में स्थानीय स्तर पर भी आक्सीजन की किल्लत न हो इसके लिए प्रशासनिक और इंडस्ट्री डिपार्टमेंट की ओर से लगातार इस ओर काम किए जा रहे हैं। इंडस्ट्रियल ग्रोथ सेंटर में प्राइवेट एक आक्सीजन प्लांट लगाया गया है, जिसकी प्रतिदिन 330 सिलेंडर भरने की क्षमता है। इसी तर्ज पर अन्य उद्योगपतियों को भी आक्सीजन प्लांट लगाने के लिए लगातार जागरूक किया जा रहा है। उम्मीद की जा रही है कि इस माह ही तीन से चार उद्योगपति प्राइवेट सेक्टर में प्लांट लगाने के लिए भी तैयार हो जाए।

प्राइवेट सेक्टर में आक्सीजन प्लांट लगाने के लिए उद्योगपितयों का चीन और जर्मनी के साथ समझौता करवाया जा रहा है। सरकार द्वारा जारी रियायतों के बारे में भी इनको समझाया जा रहा है, जिसमें स्टांप ड्यूटी में छूट, मेडिकेयर, बिजली दर में छूट आदि शामिल है।

इंडस्ट्रियल डिपार्टमेंट के जीएम सिमरजोत सिंह ने बताया कि हम लोगों को आक्सीजन प्लांट लगाने के लिए लगातार जागरूक कर रहे हैं। प्राइवेट अस्पतालों में एएसएफ यूनिट लगाने को कहा गया है। अभी उनके पास भारत सरकार की ओर से जारी प्लांट बनाने संबंधी कोई आदेश नहीं आया है।

प्राइवेट अस्पताल भी आक्सीजन यूनिट लगाएं

इंडस्ट्री डिपार्टमेंट की ओर से प्राइवेट अस्पतालों को भी आक्सीजन यूनिट लगाने के लिए गया है। चौहान और अमनदीप अस्पताल में पहले से आक्सीजन प्लांट है, इसे इसकी क्षमता बढ़ाने के लिए कहा गया है। इसके लिए विभाग की ओर से इन अस्पताल संचालकों को जागरूक भी किया जा रहा है। साथ ही आक्सीजन प्लांट पर सरकार की ओर से दी जाने वाली रियायतों के बारे भी बताया जा रहा है। कुछ अस्पतालों ने आक्सीजन प्लांट लगाने के लिए हामी भी भरी है। इन अस्पताल संचालकों को कहा गया है कि जितनी आक्सीजन की खपत है उसी हिसाब से प्लांट लगा लें, ताकि बाहर से आक्सीजन सिलेंडर खरीदने की जरूरत महसूस न हो। जालंधर से आक्सीजन सप्लाई पर रोक

जिले में पहले जालंधर और हिमाचल प्रदेश के कंदरोड़ी से आक्सीजन की सप्लाई होती थी। जालंधर के जगदंबा प्लांट से यहां पर समझौता था, लेकिन कोरोना मरीजों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए जालंधर प्रशासन ने इसे रोक दिया है। बताया जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश ने भी आक्सीजन की सप्लाई पर पाबंदी लगा दी थी, लेकिन नोडल आफिसर ने हिमाचल प्रदेश के मरीजों का हवाला देते हुए आक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई जारी रखने को कहा। अभी कंदरोड़ी और मंडी गोबिदगढ़ से आक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई जा रही है।


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