कच्चे तेल का कारोबार करोड़ों से लाखों में सिमटा
कर्फ्यू के दौरान भले ही जिला प्रशासन ने पेट्रोल पंपों को खोलने की इजाजत दे दी है।
जागरण संवाददाता, पठानकोट : कर्फ्यू के दौरान भले ही जिला प्रशासन ने पेट्रोल पंपों को खोलने की इजाजत दे दी है। लेकिन सड़कों पर वाहनों की आवाजाही न के समान होने की वजह से डीजल और पेट्रोल की मांग में भारी कमी आई है। पेट्रोल पंपों पर कर्मचारी तैनात है परंतु तेल भरवाने के लिए कुछ ही वाहन चालक ही आ रहे हैं।
जिले में विभिन्न तेल कंपनियों के 70 पेट्रोल पंप है, जिसमें से सात पेट्रोल पंप शहर में हैं। अन्य सुजानपुर, धार, मीरथल व बमियाल क्षेत्र में स्थापित है। कर्फ्यू से पहले शहर के प्रत्येक पेट्रोल पर औसतन आठ से दस लाख की सेल होती थी जो अब बड़ी मुश्किल से दस से पंद्रह हजार रुपये तक ही सीमित रह गई है। जागरण प्रतिनिधि ने चेकिंग में पाया कि प्रत्येक पेट्रोल पंप पर तीन कर्मचारी डयूटी पर खड़े हैं। लेकिन तेल भरवाने वाला कोई नजर नहीं आ रहा। बीच-बीच में कभी-कभार तेल भरवाने के लिए लोग आ रहे हैं। उसमें भी ज्यादा स्वंय सेवी संस्थाओं व डयूटी निभाने वाले कर्मचारी ही हैं।
पेट्रोल पंपों पर काम करने वाले कर्मचारियों का कहना है कि जब तक कर्फ्यू नहीं हटता तब तक स्थिति ऐसी ही रहेगी। हां, अगर सरकार ने ओर सख्ती कर दी तो स्थिति इससे भी नीचे हो जाएगी। लेकिन, देश हित को देखते हुए वह भी अपनी डयूटी को पूरा करेंगे।
कारोबार न होने के बावजूद भी दी जा रही सुविधा : हर्ष महाजन
पठानकोट पेट्रोलियम एसोसिएशन जिला पठानकोट के प्रधान हर्ष महाजन ने कहा कि लॉकडाउन से पहले जिले के 70 पेट्रोल पंपों पर रोजाना 3.50 करोड़ रुपये का कारोबार होता था। लेकिन अब बड़ी मुश्किल से 15 से 20 लाख पर सिमट गया है। पेट्रोल पंपों खोलने का आदेश जारी होने के बाद जिला प्रशासन ने सभी पंपों को सुरक्षा मुहैया करवाई है। रोजाना हो रही सेल में भी 30 फीसद सरकारी वाहनों व एम्बुलेंस में इस्तेमाल हो रहा है। जो लोग बाहर आ रहे हैं उन्हें समस्या न हो इस बात को देखते हुए जिला के सभी पेट्रोल पंप मालिकों ने काम न होने के बावजूद भी लोगों को पूरी सर्विस देने की बात कही है। मुसीबत की इस घड़ी में पेट्रोल पंप मालिक भी अपनी डयूटी को पूरा निभाएंगे।