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पुरानी पेंशन बहाली के लिए की नारेबाजी

पुरानी पेंशन बहाली संघर्ष कमेटी व सीपीएफ इंप्लाइज यूनियन ने प्रदर्शन किया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 23 Nov 2020 06:38 PM (IST)Updated: Mon, 23 Nov 2020 06:38 PM (IST)
पुरानी पेंशन बहाली के लिए की नारेबाजी
पुरानी पेंशन बहाली के लिए की नारेबाजी

संवाद सहयोगी, मलिकपुर : पुरानी पेंशन बहाली संघर्ष कमेटी व सीपीएफ इंप्लाइज यूनियन ने प्रदर्शन किया। स्टेट कमेटी के फैसले पर सांझे प्लेटफार्म एनपीएसईयू के बैनर तले जिला प्रबंधकीय कांप्लेक्स के समक्ष पंजाब सरकार की अर्थी फूंक कर पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग की गई। इस दौरान यूनियन पदाधिकारियों ने पंजाब सरकार और केंद्र सरकार के खिलाफ अपना रोष जाहिर करते हुए नारेबाजी की। वक्ताओं ने कहा कि पेंशन मुलाजिमों का हाथ है, कोई खैरात नहीं है। इस बारे भारत की सर्व उच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट भी मुलाजिमों के हक में फैसला सुना चुकी है पर केंद्र और राज्य सरकार टालमटोल कर रही है, इसलिए 2004 से बाद भर्ती हुए एनपीएस के तहत आते मुलाजिमों में पंजाब सरकार विरुद्ध रोशन बढ़ गया है जो आने वाले विधानसभा चुनाव में देखने को मिलेगा। यूनियन पदाधिकारियों ने पंजाब सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार अपने पुराने पेंशन बहाली के चुनाव वायदे से भाग रही है वही, 2 साल पहले पंजाब सरकार की तरफ से ब्रह्म महिद्रा मंत्री की अध्यक्षता में गठित की गई कमेटी ने यूनियन को बैठक के दौरान विश्वास दिलाया था कि एनपीएस रिव्यू कमेटी का गठन किया जाएगा और यूनियन पदाधिकारियों को बुलाकर इस बारे रिव्यू किया जाएगा। सरकार की तरफ से कागजों में ही इस रिव्यू कमेटी का गठन किया गया है असलियत में कोई कार्रवाई नहीं की गई इसलिए मुलाजिमों में सरकार के विरुद्ध रोष बढ़ता जा रहा है। यूनियन लीडर्स ने कहा कि एक बार विधायक या मेंबर पार्लियामेंट चुने जाने पर सारी उम्र के लिए पेंशन का हकदार बन जाते है और सरकार अपने विधायक और मेंबर पार्लिमेंट की पेंशन रातों रात दुगनी कर लेती है जो कि गैर संवैधानिक है जबकि मुलाजिमों ने अपनी जिदगी के 30 से 35 साल विभाग की सेवा करके अपनी जिदगी का कीमती समय विभाग से लेखे लगा के सेवा निवृत्त होना होता है सेवानिवृत्त होने के बाद बुढ़ापे में बिना पेंशन के दर बदर की ठोकरें खाने के लिए छोड़ दिए जाने से मुलाजिम और उनका परिवार खुदकुशी करने के लिए मजबूर हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इस कोविड-19 के संकट काल के समय अगर सरकार मुलाजिमों को पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करती है तो सरकार को हर महीने करोड़ों रुपए की बचत हो सकती है क्योंकि, सरकार को मुलाजिमों को देने के लिए 10 प्रतिशत कंट्रीब्यूटरी ग्रांड नहीं देनी पड़ेगी इसके अलावा मुलाजिमों के एनपीएस खाते में जमा राशि को भी सरकार 10- 12 साल तक इस्तेमाल कर सकती है जिससे सरकार को वित्तीय लाभ हो सकता है। यूनियन लीडर्स ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने अभी भी 1 लाख 82 हजार मुलाजिमों की इस माह के प्रति गंभीरता ना दिखाई तो आने वाले दिनों में पंजाब भर में बड़े स्तर पर आंदोलन करके पटियाला स्थित कैप्टन अमरिदर सिंह की कोठी की घेराबंदी की जाएगी। इस मौके पर एन पी एस ई यू पदाधिकारी रजनीश, अश्वनी, निर्वेश डोगरा, भवानी ठाकुर, गुरदीप सफरी, ओपी वर्मा आदि मौजूद थे।

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