पठानकोट सिविल अस्पताल पहुंचे विधायक अश्वनी, अस्पताल प्रबंधन व प्रशासन को लगाई फटकार
सिविल अस्पताल में गर्भवती महिला द्वारा लेबर रूम के बाहर ही बच्चे को जन्म देने के मामले में भाजपा विधायक अश्वनी शर्मा ने अस्पताल प्रबंधन को इस मामले में लापरवाही बरतने पर कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि महिला को डिलीवरी के लिए भर्ती न करना अति दुर्भाग्य पूर्ण है।
संवाद सहयोगी, पठानकोटः सिविल अस्पताल में पिपलां मोहल्ला निवासी गर्भवती महिला द्वारा लेबर रूम के बाहर ही बच्चे को जन्म देने के मामले में एक ओर जहां जिला उपायुक्त की ओर से जांच के आदेश दिए गए हैं, वहीं शुक्रवार को भाजपा विधायक अश्वनी शर्मा ने अस्पताल प्रबंधन को इस मामले में लापरवाही बरतने पर कड़ी फटकार लगाई। शुक्रवार को अश्विनी शर्मा सिविल अस्पताल पहुंचे व कार्यकारी एसएमओ डा. सुनील चंद, सहायक सिविल सर्जन डा. अदिति सलारिया व महिला डा. वायोमा से इस मामले पर बातचीत की।
उन्होंने फटकार लगाते कहा कि महिला को डिलीवरी के लिए भर्ती न करना व महिला द्वारा फर्श पर ही बच्ची को जन्म देना अति दुर्भाग्य पूर्ण है। इससे इंसानियत शर्मिंदा हुई है। महिला व नवजात बच्ची डिलीवरी के बाद भी देर तक फर्श पर ही पड़े रहे। स्टाफ द्वारा न तो उन्हें उठाया गया व न ही कपड़े से ढंका गया। यह शर्मनाक है। विधायक ने एसडीएम की भी तीखी आलोचना की उन्होंने बीते वीरवार को एसडीएम काला राम कंसल द्वारा भी अस्पताल के बचाव में बयान देने पर उनकी तीखी आलोचना की।
उन्होंने कहा कि वह न्याय देने के हक में नहीं लग रहे हैं। केवल मामले पर लीपापोती कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि 2012 से 2017 में उनकी सरकार के समय में अस्पताल को प्रदेश भर में पहला अवार्ड मिला था। उन्होंने कहा कि उनकी कोशिश रहेगी कि पीड़ित महिला को इंसाफ मिले व आने वाले दिनों में किसी के साथ ऐसी घटना घटित न हो। मुख्यमंत्री मान को नसीहत देते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें पंजाब में दिल्ली माडल नहीं चाहिए। मान सरकार विज्ञापनों से बाहर आकर प्रदेश के लोगों की ओर ध्यान दे।
पीड़ित परिवार से भी मिले विधायक, बोले मैं शर्मिंदा हूं
पीड़ित महिला के घर पहुंचे विधायक अश्वनी शर्मा ने कहा कि वो शर्मिंदा हैं। इस घटना से वे बहुत आहत हुए हैं। घटना से जहां परिवार को परेशानी का सामना करना पड़ा, वहीं प्रदेश स्तर पर पठानकोट की बदनामी हुई है। इस दौरान उनके साथ भाजपा नार्थ मंडल के प्रधान ठाकुर शमशेर सिंह, एससी विंग के जिला अध्यक्ष जोगिंद्रशील, विक्की रामपाल, संजीव परमार व ओपी पहलवान मौजूद रहे। मोहल्ला पिपला स्थित पीड़ित परिवार के साथ सांत्वना प्रकट करते हुए विधायक अश्वनी शर्मा ने कहा कि उनका मन बहुत ही व्यथित और दुखी है। पठानकोट का विधायक होने की वजह से वो खुद भी बहुत शर्मिंदा हैं कि वह पीड़ित परिवार के लिए कुछ नहीं कर सके। उन्होंने प्रदेश की आप सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि एक तरफ वह लोगों को स्वच्छ शासन देने की बात करती है। दूसरी तरफ आए दिन किसी न किसी बात को लेकर सरकार का कभी कोई मंत्री और विधायक किसी न किसी बात को लेकर सुर्खियों में रहता है।
सेहत सुविधाओं के नाम पर जनता को क्या मिल रहा है ये सब पठानकोट के सिविल अस्पताल में हुई घटना से साफ हो गया है। घटना के लिए विधायक ने सेहत मंत्री को जिम्मेदार ठहराते हुए अपना स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है। पीड़ित परिवार को विधायक ने आश्वासन दिया कि वह उनकी आर्थिक तौर पर हर संभव सहायता करेंगे। इधर, एनसीएससी ने डीसी, एसएसपी से सात दिन में मांगी एक्शन टेकन रिपोर्ट बीती मंगलवार देर रात को लेबर रूम के बाहर फर्श पर ही बच्ची को जन्म देने की घटना का राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) की ओर से कड़ा संज्ञान लिया गया है।
एनसीएससी ने मंडलायुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, जिला उपायुक्त, एसएसपी और चिकित्सा अधीक्षक और चीफ मेडिकल आफिसर से सात दिनों में इस घटना की जांच करने व इस मामले में दोषी पाए गए लोगों पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट (एक्शन टेकन रिपोर्ट) सौंपने के निर्देश जारी किए हैं। एनसीएससी ने जारी निर्देशों में अधिकारियों को आगाह किया गया है कि यदि निर्धारित समय में कार्रवाई की रिपोर्ट प्राप्त नहीं होती है, तो आयोग भारत के संविधान के अनुच्छेद 338 के तहत अदालत की शक्तियों का प्रयोग कर सकता है और दिल्ली में आयोग के समक्ष व्यक्तिगत उपस्थिति के लिए एक सम्मन भी जारी कर सकता है।