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हर्बल प्लांट को बढ़ावा देने के लिए मिले एक करोड़

अ‌र्द्ध पहाड़ी क्षेत्र धार के हजारों लोगों को अब आत्मनिर्भर बनाने के लिए नेशनल मेडिसनल प्लांट बोर्ड की ओर से 1 करोड़ रुपये जारी की गई है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Feb 2019 11:56 PM (IST)Updated: Wed, 13 Feb 2019 11:56 PM (IST)
हर्बल प्लांट को बढ़ावा देने के लिए मिले एक करोड़
हर्बल प्लांट को बढ़ावा देने के लिए मिले एक करोड़

संस, पठानकोट : अ‌र्द्ध पहाड़ी क्षेत्र धार के हजारों लोगों को अब आत्मनिर्भर बनाने के लिए नेशनल मेडिसनल प्लांट बोर्ड की ओर से 1 करोड़ रुपये जारी की गई है। इस राशि से धार के हजारों लोगों को अब रोजगार के लिए हिमाचल प्रदेश तथा पठानकोट आकर काम करने से निजात मिल सकेगी। जारी की गई राशि की पहली किश्त करीब 40 लाख आगामी सप्ताह पठानकोट आ जाएगी जिससे हर्बल प्लांट को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्र के 12 गांवों के हजारों लोगों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसमें महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी । इसमें जंगली जड़ी बूटियों के साथ-साथ हर्बल पौधों को एकत्र किया जाएगा। बाद में पै¨कग कर पंजाब इन प्लांट को पंजाब तथा पंजाब के बाहर ऊंचे दामों पर बेच लोगों को आर्थिक तौर पर मजबूत बनाया जाएगा। राशि आते ही शैडें बनाई जाएगी तथा इनमें शैरे¨डग मशीनों के साथ-साथ अन्य जरूरी सामान भी मुहैया करवाया जाएगा। इन शैड़ों में चार से पांच गांवों के लोग एक जगह पर एकत्र होकर मशीनों के माध्यम से आगे मार्केट में डिमांड अनुसार बेचेंगे।

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जड़ी बूटियों को जंगलों से लाकर एक्टिव होंगे 72 सेल्फ हेल्प ग्रुप

पता चला है कि वन विभाग ने इस प्रोजेक्ट के तहत जंगलों से आंवला,जंगली जड़ी बुटियां तथा बांस इत्यादि वस्तुओं को एकत्र कर अपना जीवन यापन करने वाले परिवारों के लिये शुरू किया है। ये वह परिवार है जो पूरी तरह से कुदरती स्त्रोंतों पर निर्भर हैं। विभाग का उद्देश्य न केवल ऐसे किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है अपितु इसके साथ ही धार-दुनेरा क्षेत्र में चल रहे 72 के लगभग सेल्फ हेल्प ग्रुपों को एक्टिव करना भी है। वर्तमान समय में इस समय सिर्फ 10 से 12 सेल्फ हेल्प ग्रुप ही ऐसे हैं जोकि टोकरियां,हस्तशिल्प, आचार,मुरब्बा,पंखी तथा झाडू इत्यादि तैयार कर अपनी रोजीरोटी का जुगाड़ चला रहे हैं। इन शैड़ों में पांच से सात गांवों के सेल्फ हेल्प ग्रुप में काम करने वाले सदस्य एक ही जगह पर मॉल तैयार कर सकेंगे। उन्हें जंगलों से तोड़ कर लाई गई इस सामग्री की पै¨कग करने तथा इन वस्तुओं को तैयार करने तक के लिये बर्तन एवं अन्य सामग्री मुहैया करवाई जाएगी। ताकि बरसात तथा अंधेरी इत्यादि चलने के कारण उनका नुकसान न हो। शोषण से बच सकेंगे किसान,सरकार की ओर से जारी की गई इस राशि से न केवल निर्धन परिवारों को आर्थिक रूप से मजबूत होंगे अपितु मंडीकरण मे खरीददार कम्पनियों के शोषण से भी बच पाएंगे। विभागीय अधिकारियों ने इस योजना के तहत सेल्फ हेल्प ग्रुपों में कंडी क्षेत्र के उन ग्रामीणों को भी साथ लिया है जोकि अपने खेतों में मेडिसनल प्लांट की प्रजातियों को उगाकर आगे इनका मंडीकरण करते हैं। अधिकारियों की माने तो अकसर ही ये लोग जब तैयार की गई वस्तुओं को बेचने मार्केट लाते हैं तो खरीददार कम्पनियां अकसर ही इनकी गुणवत्ता तथा पै¨कग से लेकर अन्य त्रुटियां निकाल इस सामान को अत्यंत सस्तें दामों पर खरीद उनका शोषण करते हैं। अब इन वस्तुओं को तैयार करने के बाद इनके मंडीकरण की जिम्मेवारी वन विभाग अधिकारियों की होंगी। वह सेल्फ हेल्प ग्रुपों से जुड़े इन किसानों को उच्च स्तरीय इंस्टीट्यूट से इन ग्रुपों को ट्रे¨नग भी करवाएंगे।

कंडी क्षेत्र के लोग कुदरती स्त्रोतों पर निर्भर

1 करोड़ से आगामी तीन सालों में तैयार 10 स्टोरेज गोदाम तथा 10 शैड- सरकार की ओर से जारी हुए फंड से विभिन्न गांवों के सेंटर प्वाइंट के बीच 10 स्टोरेज गोदाम, 10 शैड, शरे¨डग मशीनें,जंगलों से लाये गए माल को सुखाने की मशीने, ग्राइ¨डग तथा कटाई की मशीनें, प्रयोग किये जाने वाले बर्तन, माल तोलने के मशीनें,दस्तानें,पै¨कग मैट्ीरियल इत्यादि वस्तुओं की खरीदी जाएगी। मालूम हो कि कंडी क्षेत्र के लोग पूरी तरह से कुदरती स्त्रोतों पर निर्भर हैं। ऐसे में लगभग हर साल उनकी फसलें या तो मौसम की मार झेलती है अथवा जंगली सुअरों एवं बंदरों द्वारा तहस-नहस कर दी जाती हैं। ऐसे में इन लोगों के पास रोजगार का अन्य कोई साधन न होने के कारण इन लोगों को मजबूरन पठानकोट तथा हिमाचल प्रदेश में रोजगार के लिये आना पड़ता है।

लोगों को रोजगार देना उद्देश्य : डीएफओ

उधर,इस संबंध में जब डीएफओ डाक्टर संजीव तिवारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से जारी की गई राशि से न केवल निर्धन परिवारों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में सहयोग मिलेगा वहीं दूसरी ओर आम लोग मंडीकरण मे खरीददार कम्पनियों के शोषण से भी बच पाएंगे। उन्होंने बताया कि पहली किश्त में राशि आते ही 12 गांवों में शैड़ें,16 ड्रायर,शैरे¨डग मशीनें तथा अन्य सामान खरीदा जाएगा।


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